अब आसानी से नहीं हो सकेगी Love Marriage, जानिए क्यों
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भारत में युवा शादी के लिए अरेंज मैरिज करते है। अगर उन्हें पसंद की शादी करनी है और घरवाले मान नहीं रहे तो वे कोर्ट मैरिज या मंदिर से शादी कर लेते है। शादी करने के लिए आर्य समाज भी काफी फेमस है। आर्य समाज के मंदिर में अधिकतर प्रेम विवाह किए जाते है। लेकिन अब इन कपल्स के लिए आर्य समाज में विवाह करना एक टेड़ी खीर होने वाला है। पहले आर्य समाज के मंदिरों में आसानी से प्रेमविवाह हो जाया करते थे लेकिन अब हाईकोर्ट ने कुछ नियम और निर्देश दिए है जिन्हें पूरा करने के बाद ही आप या कोई भी कपल आर्य समाज के मंदिर से शादी कर सकेगा।
हाई कोर्ट की एकल पीठ ने यहां होने वाले विवाहों को लेकर 12 दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत अब युवक-युवती के माता-पिता और पुलिस को विवाह कराने की पूर्व सूचना देनी होगी। इसके साथ ही लड़की की आयु वेरीफिकेशन की जवाबदेही भी मंदिर प्रबंधन की ही होगी। आर्य समाज मंदिरों को विवाह से पहले युवक-युवती के परिजनों को उनकी फोटो सहित सूचित करना होगा। शादी के लिए परिजन की रजामंदी लेने पड़ेगी। पुलिस को भी मंदिरों में होने वाले विवाहों की निगरानी करनी पड़ेगी।
मंदिरों के लिए जारी किए ये दिशा-निर्देश
– 100 रुपए के स्टाम्प पर युवक-युवती से विवाह से संबंधित शपथपत्र लेना पड़ेगा।
– माता-पिता के मूल निवास स्थान का पता बताना होगा।
-मंदिर को विवाह के सात दिन पहले युवक-युवती के फोटो सहित उनके माता-पिता को सूचित करना होगा।
-मंदिर को निवास स्थान का वेरीफिकेशन कराना होगा।
-विवाह के वक्त गवाहों से भी 100 रुपये के शपथपत्र पर जानकारी लेनी होगी कि वे उन्हें जानते हैं।
-विवाह की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करानी पड़ेगी, जिसे रिकॉर्ड में सुरक्षित रखना होगा।
-लड़की की उम्र के वेरीफिकेशन के लिए 10वीं की मार्कशीट देखना जरूरी है।
-विवाह के वक्त युवक-युवती को लिखकर देना होगा कि वह आर्य समाज में विश्वास रखते हैं।
-सभी पुलिस अधीक्षक अपने जिलों के थाना प्रभारियों को निर्देशित करें कि वे समय-समय पर आर्य समाज के मंदिरों का रिकॉर्ड चेक करें।
-अगर किसी लड़की की गुमशुदगी का मामला दर्ज होता है तो सबसे पहले आर्य समाज के मंदिरों में संपर्क करें कि उन्होंने लड़की का विवाह तो नहीं करा दिया है।
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