राजनाथ ने दिया गिलानी को करारा जवाब, कहा ”बातचीत करने के लिए हमारे दरवाजे ही नहीं रोशनदान भी खुले हैं”
कश्मीर में हुर्रियत नेताओं के स्वभाव से नाराज़ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने तीखी टिप्पणी की। सिंह ने कहा कि मैं हुर्रियत नेताओं से कहना चाहता हूं कि बातचीत के लिए हमारे दरवाजे ही नहीं, हमारे रोशनदान भी खुले हैं। राजनाथ ने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकार घाटी में शांति का माहौल तैयार करने के लिए हर संभव प्रयास करने में लगी हुई है। बता दें कि रविवार को डेलिगेशन के मेंबर्स अलगाववादी और हुर्रियत नेताओं से मिलने पहुंचे थे। लेकिन सैयद अली शाह गिलानी ने घर का गेट तक नहीं खोला था और खिड़की से ही उन्हें जाने के लिए कह दिया था।
कश्मीर में अपने दौरे के दूसरे दिन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और तमाम प्रकार की जानकारियां दी। इस कॉन्फ्रेंस में राजनाथ ने कॉलेज के शिक्षक, छात्र, बुद्धिजीवी और फल उत्पादक समेत करीब 300 लोगों से बात की।
कश्मीर भारत का हिस्सा था और आगे भी रहेगा
अलगाववादियों को कड़ा संदेश देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था और आगे भी रहेगा। कश्मीर के लोग भी यही मानते हैं।
राजनाथ ने लगाईं अलगाववादियों को फटकार
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अलगाववादियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यह कश्मीरियत तो है ही नहीं। इसे इंसानियत भी नहीं माना जा सकता है। कोई बातचीत करने जाए… उन्हें जम्महूरियत में भी यकीन नहीं है।
घाटी के इन हालातों का जिम्मेदार है आतंकी बुरहान वानी
बता दें कि 8 जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी को फोर्सेस ने मार गिराया था। बुरहान घाटी का पोस्टर ब्वॉय था। उस पर युवाओं को भर्ती करने का आरोप था। इसके बाद से ही घाटी में प्रदर्शन होना शुरू हुए। कश्मीर के कई इलाकों में कर्फ्यू तक लगा दिया गया था। इस हिंसा के माहौल में करीब 73 लोगों की मौत हो गइंर् और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हो चुके हैं।