भारत-पाक के तनाव में सार्क सम्मेलन में भाग लेंगे राजनाथ सिंह
नई दिल्ली. पिछले दिनों कश्मीर मे हुई हिंसा के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा हो चुका है इसी तनाव में भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह अगले महीने सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने इस्लामाबाद जाएंगे। गौरतलब है कि गृहमंत्री का यह दौरा उस समय है जब कश्मीर में मौजूदा हालात को लेकर पाकिस्तान काफी उकसाने वाले बयान दे रहा हैं। भारत के इस सम्मेलन में हिस्सा लेने का कारण ये भी बताया जा रहा है कि ‘अगर एक भी सदस्य इस बैठक में मौजूद नहीं होता है तो इसे रद्द कर दिया जाएगा। भारत नहीं चाहता कि वो पाकिस्तान को कोई भी ऐसा मौका दे और पाकिस्तान भारत पर सवाल उठाए। गृहमंत्री राजनाथ सिंह 3 और 4 अगस्त को इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
पाक से नहीं मिल रहा सहयोग
खबरों के मुताबिक भारत इस बैठक में आतंकवाद के मुद्दे को उठाने वाला है ताकि पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर दबाव बनाया जा सके। बुधवार को कश्मीर घाटी में लश्कर के जिंदा पकड़े आतंकवादी सैफुल्लाह से पूछताछ में में यह साबित हो चुका है कि घाटी में तनाव फैलाने के लिए पाकिस्तान का ही हाथ है। पकड़े गए आतंकियों की जानकारी भी साझा करेगा। सार्क बैठक में भारत जिंदा पकड़े गए आतंकियों की जानकारी भी साझा करेगा। साथ ही भारत का मकसद सदस्य देशों को इस बात की जानकारी देना भी है कि वह आतंकवाद के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान से सहयोग कर रहा है, फिर वह पीएम मोदी का पाकिस्तान जाकर नवाज़ शरीफ से मिलना हो या फिर पठानकोट हमले के बाद आईएसआई की टीम को जांच के लिए भारत आने की अनुमति दिया जाना। इसके बावजूद पाकिस्तान की ओर से उचित सहयोग हासिल नहीं हो पा रहा है।
घाटी में अत्यधिक बल का आरोप
भारत ने पाकिस्तान पर पिछले कुछ हफ्तों में कश्मीर में हुई हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया है। हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच काफी तनाव का माहौल देखा जा रहा है। हिंसा में अभी तक 45 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 3000 लोग घायल हुए हैं। पाकिस्तान ने वानी को एक ’शहीद’ करार दिया है और भारत पर घाटी में मानवाधिकारों के उल्लंघन के साथ अत्यधिक बल के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। पिछले शनिवार पाकिस्तान के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को चेतावनी दी कि कश्मीर को पाकिस्तान बनाने का उनका सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा।