मोहब्बत की नई मिसाल, शंकर ने लिए एसिड अटैक पीड़ित ललिता के साथ लिए सात फेरे
क्या कभी कोई एसिड अटैक पीड़िता ने सोचा होगा कि 17 सर्जरी के बाद उसके दिन बदल जाएंगे, उसे उसका प्यार वापस मिल जाएगा। लेकिन ललिता का मानना है कि चमत्कार होते हैं। क्यों और कैसे पता नहीं, लेकिन मेरे साथ जो हुआ वो किसी चमत्कार से कम भी नहीं है। ललिता की ये कहानी वाकई आपके दिल को छू जाएगी। मंगलवार को मुंबई में शंकर नाम के व्यक्ति ने ललिता का हाथ थाम लिया और मोहब्बत की एक नई मिसाल कायम की।
बात 2012 की है। जब ललिता और उसके चचेरे भाई के बीच किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि उसके भाई ने ललिता के ऊपर एसिड फेंक दिया। ललिता कहती है , “इस हादसे के बाद मैं सहम गई। कई सर्जरी के बाद भी मेरा चेहरा विकृत था। चेहरे को ठीक कराने के लिए मुझे ऑपरेशन की जरूरत थी जिसके लिए हम आजमगढ़ से मुंबई आ गए।”
यहाँ ललिता की मुलाकात 27 साल के रविशंकर से हुई। ललिता के अनुसार, “शंकर से मिलने के बाद मुझे अहसास हुआ कि प्यार करने के लिए चेहरा ही सबकुछ नहीं होता। हमें एक दूसरे को जानने में दो महीने लग गए जिसके बाद मंगलवार को ठाणे कोर्ट में हमने शादी कर ली।” ललिता कहती है कि वो शंकर ही है जिसने मुझे प्यार पर विश्वास करना सिखाया। ये मेरी जिन्दगी की एक नई शुरूआत है।
शंकर का कहना है कि मैं ललिता को पहले से पसंद करता था, मुझे केवल अपनी मां को मेरी पसंद स्वीकार करने के लिए मनाना पड़ा। शंकर कांदिवली में एक निजी फर्म में सीसीटीवी ऑपरेटर के रूप में काम करता है और रांची में एक पेट्रोल पंप का मालिक है।
इस मौके पर विवेक ओबरॉय भी ललिता को बधाई देने पहुंचे। कुछ समय पहले उन्हें जब ये मालूम चला कि ललिता के पास अपना घर नहीं है, तो उन्होंने ललिता को घर गिफ्ट करने का वादा किया था। अपने वादे पर कायम रहते हुए ये बॉलीवुड कलाकर न केवल उनकी शादी में शरीक हुए बल्कि उन्हें नए घर की चाबियां भी सौंपी। ललिता के बारे में बात करते हुए विवेक ने कहा कि ललिता सही मायनों में हीरो है। उसने आम इंसान की तरह अपनी जिन्दगी गुजारते हुए हजारों एसिड अटैक सर्वाइवर्स को नई उम्मीद दी है।
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