जैसा की हम सभी जानतें है कि हमारे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें रोजना तय होती है जिससे एक तरफ लोगों को फायदा भी है तो दूसरी तरफ नुकसान भी है. इतना ही नही कुछ दिनों से देश में पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यदि हम बात करें मेट्रो शहरों की तो यहां 4-5 रुपए प्रति लीटर तक दाम बढ़ गए हैं.
अगर सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी करना चाहें तो सरकार को यह कदम उठाना चाहिए जिस से मौजूदा कीमतों से सीधे आधी हो सकती हैं. तो अब आपके दिमाग में यह सवाल जरुर आया होगा की आखिर कैसे पेट्रोल-डीजल के दाम आधे हो जाएंगे. तो फ़िक्र ना करे आज हम आपको बातानें वालें है की आखिर सरकार को कौन सा कदम उठाना चहिए जिस पेट्रोल-डीजल दाम कम हो जाएँ.
दरअसल हांल ही में ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है पेट्रोल-डीजल की कि कीमतों पर काबू पाने के लिए जीएसटी से ही रास्ता निकल सकता है. उन्होंने बताया कि जीएसटी परिषद से पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर विचार करने को कहा है. अगर सरकार इस काम को कर दे, तो 1 लीटर पेट्रोल सिर्फ 43 रुपए में मिलेगा और एक लीटर डीजल महज 41 रुपए में.आम आदमी को मिलेगा.
आपको बता दे कि जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो इस पर ज्यादा से ज्यादा 28 फीसदी टैक्स लगाया जा सकता है. क्योंकि जीएसटी में यही सबसे ज्यादा टैक्स स्लैब है. 28 फीसदी टैक्स वसूले जाने पर एक लीटर पेट्रोल आपको दिल्ली में करीब 43 रुपए में पड़ेगा. जोकि पेट्रोल की मौजूदा कीमतों से आधा है.
आप ने यह तो जान लीजिए की 43 रुपए तक दाम कैसे कम हो जायेगें अब हम आपको बातातें है की देश में कुछ ऐसे भी शहर जहां मेट्रों शहरों की अपेक्षा पेट्रोल-डीजल के काफी कम दाम है.
देश में सबसे सस्ता पेट्रोल बेचने वाले 5 शहर
शहर भाव- (रु/ली)
पोर्ट ब्लेयर -60.19
पणजी – 64.16
अगरतला – 65.61
आइजोल- 65.74
ईटानगर – 65.88
सबसे महंगे पेट्रोल वाले देश के 5 शहर
शहर भाव – (रु/ली)
मुंबई – 78.78
भोपाल – 76.04
जालंधर – 74.66
श्रीनगर – 74.01
पटना – 74
अब हम आपको बतानें वालें है वह पूरी प्रोसेस जिसके कारण आपको इतना मेहगा पेट्रोल मिलता है. तो चलिए समझते है इस पूरी प्रोसेस को-
पेट्रोल
आपको बता दे कि भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत बुधवार 13 सितंबर को 53.83 डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई. वही इस कीमत को हम रुपये में देखें तो 3443 रुपये 89 पैसे होती है. बता दें कि एक बैरल में 159 लीटर होता है. इस हिसाब से कच्चे तेल का मू्ल्य लगभग 21 रुपये 65 पैसे होता है.
सबसे पहले होती है कच्चे तेल की रिफाइनिंग. जिसमें प्रति लीटर लगभग 9 रुपये 34 पैसे का खर्च लगता है. रिफाइनिंग के बाद के अब इसकी कीमत हो जाती है 30 रुपये 99 पैसे. अब डीलर्स सरकारी तेल कंपनियों से पेट्रोल खरीदते हैं. सरकार उन्हें प्रति लीटर 3 रुपये 24 पैसे का कमीशन देती है फिर केन्द्र सरकार इस पर प्रति लीटर 21 रुपये 48 पैसे का उत्पाद शुल्क वसूलती है,इसके बाद जिस राज्य में पेट्रोल जाता है उस राज्य की सरकार इस कीमत पर वैट लगाती है.
आपको बता दे कि देश के 26 राज्यों में पेट्रोल पर वैट की दर लगभग 25 प्रतिशत है. जबकि मुंबई में वैट की दर सबसे ज्यादा 48.98 प्रतिशत है इसलिए मुंबई में पेट्रोल सबसे महंगा मिलता है. वही देश की राजधानी की बात करें तो यहाँ लगभग 27 फीसदी वैट राज्य सरकार लेती है इस हिसाब से प्रति लीटर वैट की रकम लगभग 15 रुपये 04 पैसे पड़ती है इसके बाद आपको बाजार में पेट्रोल की मिलता है जिसकी कीमतें लगभग 70 रुपये 75 पैसे हो जाती है .
नोट:बता दें कि ये सभी गणना अनुमानित मूल्यों और अनुमानित कर दरों के आधार पर की गई है.