आए दिन बढ़ते हुए ऑनलाइन फ्रॉड को देखते हुए बैंकों ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिसके तहत अगर आपने अपना मोबाइल नंबर नहीं दिया या फिर उसे एसएमएस अलर्ट से लिंक नहीं कराया तो बैंक आपकी कई सर्विसेस बंद कर सकती है। इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन की सभी सेवाएं भी बंद हो सकती हैं।
बैंकों से मिले बयानों के अनुसार निर्देशों के बाद भी कस्टमर अपने बैंकों को मोबाइल नंबर अपडेट या फिर उसे एसएमएस अलर्ट से लिंक नहीं करा रहे हैं, जिसकी वजह से हम उनको कोई जानकारी नहीं भेज पा रहे हैं। इसे देखते हुए ऐसे कस्टमर्स के लिए वह एटीएम ट्रांजेक्जेक् शन सुविधा को छोड़कर दूसरी सर्विसेस बंद करने का रास्ता अपना सकते हैं।
आरबीआई ने बैंकों को कहा है कि वह ऑनलाइन ट्रांसजेक् शन मं होने वाले फ्रॉड पर तुंरत कार्रवाही करें। इसके तहत अगर कस्टमर फ्रॉड होने के तीन दिन के अंदर बैंक को शिकायत कर देता है। तो अनऑथराइज्ड अ्रंाजेक् शन की पूरी रकम कस्टमर को वापस मिल जाएगी।
इसलिए जरूरी है मोबाइल नंबर-
इस नए निर्देश के बाद मोबाइल नंबर बहुत अहम भूमिका निभाएगा। ऐसा इसलिए है कि बैंकों को किसी भी तरह के अनऑथराइज्ड ट्रांजेक्शन की अकनॉलजेमेंट मोबाइल नंबर से ही प्रमुख तौर पर करनी होगी, जिसमें शिकायत मिलने की टाइमिंग और तिथि भी बताई जाएगी। ऐसे में बैंक और कस्टमर की फ्रॉड के समय लायबिलिटी तय होना आसान हो जाएगा।
अगर कस्टमर अपना मोबाइल नंबर शेयर नहीं करेंगे तो बैंक के लिए उनको किसी भी तरह के ट्रांजेक्शन का तुरंत अलर्ट देना संभव नहीं होगा। अगर ये नहीं, तो ई-मेल ही दूसरा जरिया होगा, जिसके जरिए बैंक अलर्ट भेज सकते हैं।