अगर आप भी तनाव, अनिद्रा से राहत पाने के लिए खाते हैं ये दवाइयां तो, हो जाएं सावधान!
आज की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में हर किसी को चिंता, तनाव, डिप्रेशन, अनिद्रा आदि की शिकायत हो रही है। इनसे जल्द राहत पाने के लिए लोग दवाइयों का सेवन कर रहे हैं। हाल ही में आई एक रिसर्च ने प्री-गैब्लिन (Pregabalin) और गबपेंटीन (Gabapentin) गाबापेंटिन नाम की दवाइयों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। दरअसल, ये वहीं दवाइयां है, जिसे लोग चिंता, तनाव, अनिद्रा और डिप्रेशन को दूर करने के लिए इनका इस्तेमाल कर रहे हैं।
दरअसल ये दोनों दवाइयां उपचार के बाद डॉक्टर की सलाह के बाद ही ली जाती हैं, लेकिन ड्रग्स के साथ इसका दुरूपयोग होने से मृत्यु की संख्या में इजाफा हुआ है। इन दवाइयों के गलत इस्तेमाल करने से ये जानलेवा साबित हो रही हैं। इन दवाइयों को हेरोइन और अन्य ऑक्सीडाइज्ड के साथ इस्तेमाल करना सेहत के लिए बेहद खरनाक है।
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ.कमलेश उदेनिया बताते हैं कि प्रीगैब्लिन और गाबापेंटिन मूलत: मूड डिसऑर्डर या मिर्गी का इलाज करने के लिए इस्तेमाल होती हैं, लेकिन हाल ही में न्यूरोपैथिक दर्द, डायबिटीक न्यूरोपैथिक पेन में इनका इस्तेमाल होने लगा है, वो भी तब जब रूटीन दवाएं काम न करें। लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के इन दवाओं का इस्तेमाल सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। डॉ.उदेनिया के अनुसार ये दोनों दवाइयां नार्कोटिक एक्ट के अंतर्गत आती हैं, जिसमें कुलमिलाकर ड्रग्स मौजूद रहते हैं, इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के इन दवाइयों को लेने से आपकी जान तक जा सकती है।
हाल ही में आए आंकड़ों के अनुसार इन दवाइयों के प्रिस्क्रिप्शन 2004 में 1 मिलियन से बढ़कर 2015 में 10.5 मिलियन हो गए। इन दवाइयों का दुरूपयोग होना चिंता का विषय है। ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने एडिक्शन नाम की रिसर्च में बताया है कि इंग्लैंड और वेल्स में होने वाली मौतों की सख्या 2009 की तुलना में एक साल से भी कम में बढ़ गई है। 2015 में 137 मौतें हुईं, जिसमें से 79 प्रतिशत लोगों ने इन दवाईयों का हेरोइन के साथ गलत इस्तेमाल किया था।
हेरोइन इस्तेमाल करने वालों के अनुसार प्रीगैब्लिन और गाबापेंटिन का इस्तेमाल करना आसान था और ऐसा करने से नियंत्रण के नुकसान की भावना और हेरोइन के बढ़ते हुए प्रभाव से जुड़ा हुआ था। बता दें कि पिछले साल की गई रिसर्च में पाया गया था कि उपचार केंद्रों में इलाज के लिए जाने वाले मरीजों में पांच में से एक व्यक्ति डॉक्टर की सलाह के बिना गाबापैंटिन का इस्तेमाल करता था।
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