Wednesday, August 16th, 2017
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गांवों को अर्थव्यवस्था का आधार मानते थे पं. दीनदयाल, आईआईएम में किया याद




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IIM Indore 2

भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी वर्ष (सितम्बर 2016 से सितम्बर 2017) पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में दिनांक 12 जुलाई 2017 को  पंडित दीनदयाल उपाध्याय (25 सितम्बर 1916 से 11 फरवरी 1968) के जीवन और सीख विषय पर एक वार्ता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के बारे में इंदौर नगर की जानी मानी सामजिक कार्यकर्ता एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ दिव्या गुप्ता ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा  कि पंडित दीनदयाल एक महान भारतीय दार्शनिक, अर्थशास्त्री, इतिहासकार, पत्रकार एवं राजनैतिक वैज्ञानिक थे |

उन्होंने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने राजनैतिक दर्शनशास्त्र, मानवतावाद (एकात्ममानववाद) का प्रचार प्रसार किया जो कि प्रत्येक मानव के शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा के साथ एकीकृत होकर निष्पादन करने का समर्थन करता है। उन्होंने भारत के लिए एक विकेन्द्रीकृत राजनीति और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के लिए गांव को आधार के रूप में देखा । वह स्वराज (आत्म शासन) के प्रबल पक्षधर थे|

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कार्यक्रम का शुभारम्भ अधिकारी संरक्षा श्री जिगर कंथारिया द्वारा अतिथि वक्ता सुश्री डॉ दिव्या गुप्ता के स्वागत से किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आईआईएम समुदाय के सदस्य उपस्थित रहे,  जिसमें वरिष्ठ संकाय सदस्यगण, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कर्नल गुरुराज गोपीनाथ पामिडि (सेवानिवृत्त), वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, अधिकारीगण,स्टाफ और छात्रों ने भागीदारी की | सभी श्रोताओं को  पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के बारे में जानने का अवसर इस आयोजन के माध्यम से प्राप्त हुआ | धन्यवाद ज्ञापन के साथ सभा विसर्जित हुई |

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