सैनिक चंदू के साथ पाक ने किया ऐसा व्यवहार, जानकर कांप जाएगी रूह
भले ही सैनिक चंदू बाबूलाल चौहान अब पाकिस्तान की गिरफ़्त से आजाद हैं। लेकिन अभी भी वह पाकिस्तान के जुल्मों को भूल नहीं पा रहे हैं। दरअसल सोमवार को चंदू ने अपने भाई भूषण और दादा चिंदा पाटिल से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपने साथ हुए पाकिस्तानी सेना के व्यवहार के बारे में बताया।
अंग्रेजी अखबार मुम्बई मिरर से बातचीत करते हुए चंदू के भाई भूषण ने जो कहानी बताई है वो भयावह है। भूषण ने बताया कि पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने चंदू को बुरी तरह से टॉर्चर किया। उन्होंने चंदू को कभी सोने नहीं दिया गया। इतना ही नहीं उन्होंने चंदू को पूरी गिरफ़्तारी के दौरान अंधेरे कमरे में अकेले रखा था। भूषण के मुताबिक चंदू ने गिरफ़्तारी के बाद पहली बार 21 जनवरी को वाघा सीमा पर रोशनी देखी और तब चंदू को एहसास हुआ कि उन्हें भारतीय सेना के हवाले किया जा रहा है।
जबरदस्ती चंदू को दी जाती थी ड्रग्स
भूषण ने बताया कि, चंदू को जबरदस्ती ड्रग्स दी जाती थी। इसके बाद पाकिस्तान सेना के अधिकारी उनसे पूछताछ करते थे। भूषण ने आगे बताया कि ड्रग्स के प्रभाव से चंदू भ्रम वाली स्थिति में चला जाता था। इस कारण अधिकारी चंदू को पीटते भी थे और फिर चंदू की आंखों पर पट्टी बांधकर सेना के एक कैंप से दूसरे कैंप में ले जाया जाता था।
टूट चुकी है चंदू की उंगुली
भूषण ने बताया कि चंदू की अंगुली टूट गई है और घुटने में चोट है। चंदू के दादा चिंदा पाटिल के मुताबिक, ”फिलहाल चंदू सामान्य है लेकिन वह मानसिक तौर पर काफ़ी चोटिल है और उसे रिकवर होने में समय लगेगा। डॉक्टरों ने कहा है कि चंदू के घाव कुछ दिन में भर जाएंगे। ” केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे के कहने पर सोमवार को सेना के अधिकारियों की मौजूदगी में भूषण और चिंदा पाटिल को अमृतसर के सेना अस्तपाल में चंदू से मिलने की इजाजत दी गई थी। बता दें कि भूषण भी सेना में तैनात हैं।
ग़ौरतलब है कि चंदू सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान ग़लती से एलओसी पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे। जिसके बाद पाकिस्तान ने उन्हें बंधक बना लिया था। भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान सेना ने 21 जनवरी को चंदू को रिहा कर दिया था।
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