अब अयोध्या के धार्मिक ट्रस्टों और मंदिरों को भी देना होगा नोटों का हिसाब
मोदी सरकार के नोटबंदी के फ़ैसले ने अयोध्या के प्रमुख धार्मिक ट्रस्टों और मंदिरों की मुश्किलें बढ़ा दी है। दरअसल, पीएम मोदी के 500 और 1000 के नोट बंद करने के फ़ैसले के बाद आयकर विभाग को सूचना मिली थी कि मंदिरों और ट्रस्टों के माध्यम से कालेधन को सफ़ेद किया जा रहा है। जिसके बाद आयकर विभाग ने अयोध्या के प्रमुख मंदिरों और धार्मिक ट्रस्टों को आठ नवम्बर तक की बैलेन्सशीट जमा करने के लिए कहा है। आईटी कमिश्नर विजय कुमार के बताया कि, ”हमने सभी धार्मिक ट्रस्टों को नोटिस भेजा है। जिन ट्रस्टों के खाते में गड़बड़ी पाई जाएगी, उन पर कार्रवाई होगी।”
भक्तों से अपील, दानपेटी में न डाले 500 और 1000 के नोट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई मंदिरों ने भक्तों से अपील की है कि वे दानपेटियों में 500 और 1000 के नोट न डालें। बता दें कि नोटबंदी की घोषणा के बाद पिछले ही हफ़्ते महाराष्ट्र के सिद्धिविनायक मंदिर में तकरीबन 27 लाख रुपए से अधिक की राशि 500 और 1000 के नोटों मिले थे। मंदिरों को मिलने वाले दान में भी नोटबंदी के बाद 50 प्रतिशत बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी। सरकार ने सभी मंदिरों को नसीहत दी है कि वे रोजाना दानपेटी में आने वाली राशि को गिने और सरकार को सूचित करे।
वहीं दूसरी ओर कुछ ट्रस्टों और मंदिरों की ओर से कहा जा रहा है कि आयकर विभाग की इस कार्रवाई से उन्हें कोई परेशानी नहीं हैं। पटेश्वरी देवी मंदिर धार्मिक ट्रस्ट के मैनेजर अभिजीत सिंह बिसेन ने कहा कि,” हम लोग परेशान नहीं है क्योंकि हम ईमानदारी से अपना आयकर रिटर्न भरते हैं।” मनकामेश्वर मंदिर के महंत देव्या गिरि ने बताया कि,”मंदिरों के खातों का नियमित ऑडिट होता है लेकिन विमुद्रीकरण की वजह से एक बार फिर बहीखातों का ऑडिट किया जा रहा है।”
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