हिंदुस्तान में खेलों की लोकप्रियता आज की नहीं है, अंग्रेजो के समय से क्रिकेट से जुड़ाव हो या फिर गली ग्रामों में खेले जाने वाले गिल्ली डंडा और कबड्डी का प्रेम। भारत के लोगो में खेलों का जुनून बहुत है। यह समय भारतीय खिलाड़ियों और खेलों के लिए बहुत अच्छा चल रहा है, भारत के खिलाड़ी हर खेल में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और कई ख़िताब और मैडल लाकर देश का नाम दुनिया में रोशन कर रहे हैं।
इसी प्रकार हमारे देशी खेल कबड्डी ने भी अंतरराष्ट्रीय आयामों को छुआ है और जबसे कबड्डी को एशियाई खेलों में शामिल किया गया है तबसे विदेशों में भी कबड्डी ने लोकप्रियता बटोरी है। हमारे देश के लिए कबड्डी एक ऐसा खेल बन गया है, जिसके धुरंधर खिलाड़ियों ने हर बार देश को गौरवान्वित किया है, इन खिलाड़ियों ने अभी तक हुए सभी कबड्डी विश्व कप टूर्नामेंट में विरोधियों को धोबी पछाड़ दे कर विश्व कप के अभी तक के हर ख़िताब को जीता है। पुरुष वर्ग के कबड्डी खिलाड़ियों ने लगातार पांच बार और महिला वर्ग की कबड्डी टीम लगातार चौथी बार यह खिताब जीतकर विश्व चैम्पियन बनी।
जी हाँ आप बिलकुल सही पढ़ रहे हैं। भारत की उपलब्धियों में ये भी एक ऐतिहासिक बात है कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने लगातार कबड्डी वर्ल्ड कप जीते हैं, वो भी महिला और पुरुष दोनों वर्गों में। कबड्डी का विश्व कप सबसे पहले 2004 में खेला गया था। उसके बाद 2007 और 2010 और 2012 में हुआ। अभी तक भारत सभी में विजेता रहा और पिछले साल 2016 अक्टूबर में हुए विश्व कप में भी इरान को पटखनी देकर इस मुकाबले को जीता था।