IND-ZIM ODI Series : 11 साल बाद जिम्बाब्वे से भिड़ेंगे धोनी
हरारे। भारतीय क्रिकेट टीम टी20 वर्ल्ड कप और इंडियन प्रीमियर लीग सीजन नौ के बाद अपने पहले वनडे इंटरनेशन मैच में शनिवार को जिम्बाब्वे से उसी के घर में भिड़ेगी। भारतीय टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी 11 सालों के बाद जिम्बाब्वे से मुकाबला लड़ेंगे और इस मैच की एक खास बात यह भी है कि इसमें लगभग पूरी भारतीय क्रिकेट टीम अपने नये लुक वाली टीम के साथ जिम्बाब्वे को टक्कर देने को तैयार हैं। महेन्द्र सिंह धोनी के लिए अपनी इस नई युवा टीम की कप्तानी करना एक अलग तरह की चुनौती होगी।
पिछले कुछ सालों से जिम्बाब्वे में होने वाली सीरीज में हमेशा सीमित ओवरों के मैच ही होते हैं जो आईपीएल के बाद खेले जाते हैं जिसमें बीसीसीआई अपनी ‘बेंच स्ट्रेंथ’ आजमाने के लिये दूसरे दर्जे की टीम को भेजती है। दूसरे दर्जे की टीम ने हालांकि 2013 और 2015 में जिम्बाब्वे को 5-0 और 3-0 से क्लीन स्वीप भी किया है। इस बार भी कुछ अलग होने की संभावना नहीं है। 15 खिलाड़ियों की टीम में ऐसे पांच खिलाड़ी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय आगाज नहीं किया है लेकिन धोनी के कारण उन्हें विशेष अहमियत मिल रही है जो 11 साल के लंबे समय के बाद अफ्रीकी देश से खेल रहे हैं।
पिछली बार धोनी 2005 में जिम्बाब्वे में खेले थे, तब उनका अंतरराष्ट्रीय करियर सिर्फ छह महीने का था और उस समय भारतीय टीम की कमान सौरव गांगुली के हाथ में थी। लेकिन टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद अब हालात अलग हैं और विराट कोहली की पिछले छह महीने की फार्म से उनकी कप्तानी पर कई सवाल उठ रहे हैं और विराट को क्रिकेट के सारे फॉरमैट की कप्तानी देने की बाते चल रही हैं। वह भले ही अभी अपनी कप्तानी को बचाने के लिये नहीं जूझ रहे हों लेकिन जिम्बाब्वे में शुरू होने वाला इस तरह का दौरा किसी भी टॉप क्रिकेटर के लिये एक अजीब स्थिति हो सकती है।
सीरीज में जीत कुछ जश्न मनाने जैसी नहीं होगी क्योंकि हर कोई इसकी उम्मीद कर रहा होगा। लेकिन अगर कोई नतीजा उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा तो यह एक तरह से सदमे जैसा होगा जो धोनी इस समय नहीं चाहेंगे। भारत का इस साल टेस्ट मैचों में घरेलू कार्यक्रम काफी व्यस्त है, जिसमें न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ कुछ वनडे और टी20 भी हैं। इसलिये धोनी अगले कुछ महीनों में ज्यादा क्रिकेट नहीं खेलेंगे। भारतीय टीम इस दौरे के बाद वेस्टइंडीज का टेस्ट दौरा करेगी।
अगर टीम को देखें तो धोनी और बाकी अन्य सदस्यों के बीच काफी अंतर है। धोनी ने 275 वनडे खेले हैं जबकि बाकी खिलाड़ियों ने मिलकर 83 मुकाबले ही खेले हैं। अगर हम अंबाती रायुडू(31 मैच) और अक्षर पटेल(22 मैच) की भागीदारी को निकाल दें तो सात अन्य खिलाड़ियों के नाम सिर्फ कुल 30 ही मैच हैं। इसके साथ ही अगर केएल राहुल को छोड़ दें तो टीम का कोई भी युवा खिलाड़ी टेस्ट सीरीज के लिये वेस्टइंडीज के लिये फ्लाइट नहीं पकड़ रहा है। मनीष पांडे जानते हैं कि यह उनके लिये सुरेश रैना के स्थान पर दावा करने का मौका होगा। ऐसा ही करूण नायर के साथ है, जो अपनी आईपीएल में अच्छी फार्म को अंतरराष्ट्रीय मैच में अच्छे स्कोर में तब्दील करना चाहेंगे।
अक्षर के पास आलोचकों को यह दिखाने का मौका होगा कि वे अलग तरह के स्पिनर से कहीं ज्यादा हैं जबकि रायुडू भी पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज के बाद अपने खोये आत्मविश्वास को हासिल करना चाहेंगे। वहीं जिम्बाब्वे की टीम पिछले कुछ सालों से लगातार खराब प्रदर्शन कर रही है। फिर भी वुसिमुजी सिबांडा, एल्टन चिगुम्बुरा, हैमिल्टन मास्काद्जा, सिंकदर रजा, क्रेग इर्विन और सीन विलियम्स कुछ जाने पहचाने नाम है जो काफी समय खेल चुके हैं और युवा भारतीय टीम के लिये कुछ समस्यायें खड़ी कर सकते हैं। यह मैच दोपहर साढ़े बारह बजे शुरु होगा।
टीमें :
भारत – महेंद्र सिंह धोनी(कप्तान और विकेटकीपर), के एल राहुल, फैज फजल, मनीष पांडे, करूण नायर, अंबाती रायुडू, केदार जाधव, मंदीप सिंह, रिषि धवन, जसप्रीत बुमरा, जयंत यादव, युजवेंद्र चाहल, जयदेव उनादकट, धवल कुलकर्णी, अक्षर पटेल।
जिम्बाब्वे – ग्रीम क्रीमर (कप्तान), टेंडाई चतारा, चामू चिभाभा, एल्टन चिगुम्बुरा, टेंडाई चिसोरो, क्रेग इर्विन, नेविल मादजिवा, टिमीसेन मारूमा, हैमिल्टन मास्काद्जा, वेलिंगटन, मास्काद्जा, पीटर मूर, तवांडा मुपारिवा, रिचर्ड मुतुम्बामी (विकेटकीपर), तौराई मुजाराबानी, वुसिमुजी सिबांडा, सिकंदर रजा, डोनल्ड ट्रिपानो, सीन विलियम्स।
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