आतंकियों के चंगुल से छूटे डॉक्टर ने बताया ISIS का खौफनाक चेहरा
आईएसआईएस इस शब्द से तो आप वाकिफ़ होंगे ही। इस शब्द को सुनकर ही रूह को कंपा देने वाला मंजर सामने आ जाता है। जरा सोचिए कि जब इस शब्द को सुनकर ही हमारी रूह कांप जाती है तो उन लोगों पर क्या बीतती होगी, जो इस नापाक संगठन के चंगुल में फंस जाते हैं। शायद हम इस बात का अंदाजा भी नहीं लग सकते। इस बात को तो वही समझ सकता है जिसका सामना कभी ऐसे संगठन से हुआ हो। आज हम उस शख़्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो तकरीबन 18 महीने तक आईएसआईएस की कैद में रहे हैं। पेशे से यह डॉक्टर हैं और इनका नाम है राममूर्ति कोसानम।
कोसानम ने बताया कि आईएसआईएस की कैद में होने पर उनके साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता था। बता दें कि आतंकियों ने डॉ. राममूर्ति के साथ ही पांच भारतीयों को भी बंधक बनाया था। हाल ही में भारत सरकार ने इन सभी को आतंकियों के चंगुल से छुड़ाया है। इसके लिए उन्होंने भारत सरकार ख़ासकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को धन्यवाद कहा है।
आतंक की कहानी डॉक्टर राममूर्ति की जुबानी
”जब मैं कैंप में काम कर रहा था, तब 10 दिन के भीतर मुझे तीन बार गोली मारी गई। बाएं हाथ और दोनों पैरों में गोलियां लगीं। उन्होंने मुझे ऑपरेशन थिअटर में जाकर सर्जरी करने और टांके लगाने के लिए जबरदस्ती की लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं किया।”
राममूर्ति ने बताया कि ”रमजान के समय कुछ आईएसआईएस के आतंकियों ने मुझसे मदद मांगी। मेरे इनकार करने पर वह जबरदस्ती मुझे उठाकर ले गए। मुझे सबसे पहले सिर्ते शहर की जेल पहले ले जाया गया था। इसके बाद वे पता नहीं क्यों, मुझे एक अंडरग्राउंड जेल में ले गए। वहां मैं तुर्की के लोगों से मिला। वहां आईएसआईएस के लोगों ने इस्लाम और उनके तौर तरीकों के बारे में बताया। इसके बाद वहां लोगों ने नमाज़ पढ़ना और वुजू करना सिखाया। दो महीने तक यही चलता रहा।”
…और फिर भेज दिया दूसरी जेल में
राममूति ने आगे बताया ’आतंकियों ने मुझसे निवेदन किया कि मैं उनके हॉस्पिटल में काम करूं। वह मुझसे घायलों के ऑपरेशन करवाना चाहते थे। मैंने उन्हें बताया कि मैं 61 साल का हूं और 15 मिनट से ज्यादा खड़े रहने में मुझे दिक्कत होती है। साथ ही मैं मेडिकली ट्रेंड हूं, सर्जरी करने का अनुभव मुझे नहीं है। तब उन्होंने मुझे महकमा जेल से निकालकर दूसरी जेल में भेज दिया।
10 साल की उम्र से लेकर 65 साल के बुजुर्ग तक हैं ISIS का हिस्सा
राममूर्ति ने आईएसआईएस को लेकर एक हैरान कर देने वाला खुलासा किया है। भावुक होते हुए उन्होंने बताया कि आतंकी अपने संगठन के लिए पूरी तरह समर्पित हैं और हर नियम का पालन करते हैं। हैरान कर देने वाली बात तो 10 साल की कच्ची उम्र के बच्चों लेकर 65 साल के बुजुर्ग तक इस संगठन का हिस्सा हैं। ये सभी सुसाइड बम का काम करते हैं। राममूर्ति ने बताया कि अब इस संगठन की नज़र भारत पर है। वे भारत के बारे में बहुत कुछ जानते हैं।
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