लोगों में बढ़ रहा है रात में सफर करने का ट्रेंड,2008 के बाद से इनकी तादाद में चौगुना इजाफा
भारतीय परिवारों में रात में सफर करने का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। लगभग 6 करोड़ से ज्यादा यात्राएं रात में ही की जाती हैं। डॉमेस्टिक टूरिज्म पर नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन ने जुलाई 2014 और 2015 में एक सर्वे किया, जिसमें पता चला कि लगभग छह में से एक भारतीय परिवार महीने में रात में सफर करने के लिए जरूर निकलता है। 86 प्रतिशत लोग रात में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने के लिए निकलते हैं या फिर किसी त्योहार पर मिलने जाते हैं। 34 प्रतिशत लोग या छुट्टियां मनाने या फिर मन बहलाने के लिए रात में सफर करना पसंद करते हैं और 65प्रतिशत लोग स्वास्थ्य से जुड़ी वजहों से रात में सफर को चुनते हैं।
धार्मिक सफर और तीर्थ यात्रा करने वाले 8 प्रतिशत और एजुकेशन से जुड़ी यात्रा करने वालों में 6 प्रतिशत लोग शामिल हैं। सामाजिक कामों के बाद लगभग 4 करोड़ लोग स्वास्थ्य और मेडिकल कारणों सें रात में सफर करते हैं। इस यात्रा में लगभग 16000 रूपयों का खर्च आता है। भारतीय परिवारों में विशेष मेडिकल सुविधाओं के लिए बड़े शहरों में सफर करना जरूरी भी हो गया है।
स्वास्थ्य से जुड़ी रात की यात्रा में औसतन एक परिवार 3918 रूपए खर्च करता है। 1 प्रतिशत परिवार शादी , खेती या दूसरे सामान की खरीददारी के लिए अगर दूसरे शहर या गांव जाना हो , तब भी लोग रात में ही जाना पसंद करते हैं। 2008 से 2009 के बाद इन आंकड़ों में चौगुनी बढ़ोतरी हुई है।