ये है भारत की पहली महिला , जिन्होंने “मिस यूनिवर्स” कॉन्टेस्ट में भारत का किया था प्रतिनिधित्व
इंद्राणी रहमान। मॉडलिंग की दुनिया में महिलाओं को मजबूती और अपने हुनर पर भरोसा दिलाने का नाम है। अगर इंद्राणी देश का पहला मिस यूनिवर्स पेजेंट में शामिल होकर भारत का प्रतिनिधित्व न किया होता , तो हमें सुष्मिता सेन और लारा दत्ता जैसी मॉडल और अदाकारा कभी ना मिलती। इनके हौंसले ने ही आने वाली पीढ़ी को हौंसला दिया और सिखाया कि वाकई एक महिला की खूबसूरत टैलेंट कितना मायने रखता है। बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि जब उन्होंने मिस यूनिवर्स पेजेंट कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया, तब वे दो बच्चों की मां थीं। इसके बाद इसी साल उन्होंने मिस इंडिया का कॉन्टेस्ट का खिताब जीता था।
वैसे माना जाता है कि मिस यूनिवर्स के लिए सिंगल होना जरूरी है, लेकिन इंद्राणि ने दो बच्चों की मां होते हुए उन सभी स्टेज को पार किया, जो एक सिंगल गर्ल करती है। वाकई मॉडलिंग की दुनिया में वो महिलाओं के लिए उन्होंने एक मिसाल कायम की।
सन् 1952 में इंटरनेशनल ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेने वाली इंद्राणि उस वक्त मात्र 22 साल की थीं और उनकी लाइफ में ट्विस्ट तो तब आया जब उन्हें कॉन्टेस्ट के दौरान स्विम सूट पहनना पड़ा था ।
अगर आप ये सोच रहें हैं कि वो स्विमसूट राउंड से बाहर हो गई होंगी, तो आप बिल्कुल गलत है। बल्कि हम आपको बता दें कि वे स्विमसूट में वे दुनिया की सभी खूबसूरत मॉडल्स के बीच काफी सुंदर दिख रहीं थीं। इसका उदाहरण आप इस तस्वीर में देख सकते हैं।
उस वक्त इंद्राणि 30 कन्टेस्टंट के बीच अपनी जगह बनाने में सफल हुई थीं। स्विमसूट पहनने के बावजूद भी इंद्राणि ने भारतीय संस्कृति को नहीं भूला था। उनके माथे पर सजी बिंदी और बालों में जूडे पर सजा गजरा उनकी खूबसूरती की निशानी था। इसे कहते हैं फैशन के साथ ट्विस्ट।
बहुत कम लोग जानते होंगे कि इंद्राणि एक अच्छी डांसर भी थीं। भरतनाट्यम, कुच्चीपुड़ी, और ओडिसी नृत्य में उन्होंने 9 साल की उम्र में ही ट्रेनिंग लेना शुरू कर दी थी। 15 साल की थीं, जब उनकी शादी जाने-माने आर्किटेक्ट हबीब रहमान से हुई। इसके बाद उन्होंने दो बच्चों को जन्म दिया। इंद्राणि को 1969 में पद्मश्री से नवाजा गया था। इसके अलावा संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड और तारकनाथ दास अवॉर्ड की भी वो हकदार रहीं।
सन् 1976 में वे न्यू यॉर्क में सैटल हो गईं। अपनी मां के साथ उन्होंने शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति पूरी दुनिया में दी। 1961 में वो पहली ऐसी महिला डांसर थीं, जिन्होंने यूएस प्रेसिडेंट जॉन कैनेडी और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सामने अपना नृत्य प्रदर्शित किया था। इतना ही नहीं उन्होंने क्वीन एलिजाबेथ 2, माओ जिदांग, फीदल कास्त्रो के सामने भी अपनी शानदार परफॉर्मेंस दी थी।
इसके बाद वे न्यूयॉर्क लिंकन सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आट्र्स में फैकल्टी मेंबर के तौर पर रहीं। इतना ही नहीं उन्होंने कई अमेरिकन यूनिवर्सिटी में पढ़ाया भी यहां तक की हावर्ड में भी। 1999 में उनका निधन मानहाटन में हो गया। मॉडलिंग की दुनिया में वे आज भी कई महिलाओं के लिए एक इंस्पीरेशन हैं।
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