वो खिलाड़ी जिसे दूसरा रन बनाने में 6 साल लग गए
कई बार हम अपनी ज़िंदगी से इतने परेशान हो जाते हैं और हमारा दिल कहने लगता है, ’बस, बहुत हो गया, अब और नहीं झेला जाता’। जब हमारा दिल हमसे ऐसा कहने लगता है तब हमें या तो सब कुछ छोड़कर कहीं दूर भाग जाने का ख़्याल आता है या फिर आत्महत्या करने का मन करता है। लेकिन हम ये भी जानते हैं कि ये दोनों ही तरीके हमारी परेशानी का हल नहीं है। इसके बावजूद भी कई लोग ऐसे होते हैं जो ज़िंदगी से हार मानकर, ख़ुद को ख़त्म कर ज़िंदगी की दौड़ से बाहर हो जाते हैं। वहीं कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो परेशानियों में डटे रहते हैं और कभी हार नहीं मानते हैं। असल में ऐसे ही लोग ज़िंदगी की जंग जीत पाते हैं।
ज़िंदगी की जंग जीतने वालों में एक नाम श्रीलंका के एक क्रिकेट खिलाड़ी का भी है। उस खिलाड़ी के दिमाग में बस एक ही चीज चलती थी। क्रिकेट… क्रिकेट और बस क्रिकेट…
अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर उसे श्रीलंका की टेस्ट टीम में डेब्यू करने का मौका मिला।
पहली इनिंग्स… जीरो पर आउट
दूसरी इनिंग्स… जीरो पर आउट
इस पर उसे टीम से निकाल दिया गया। इसके बाद तो वो और भी ज़्यादा मेहनत करने लगा और दिन रात प्रेक्टिस करता रहता। फर्स्ट क्लास मैचेस में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और 21 महीने बाद एक बार फिर से मौका मिला।
पहली इनिंग्स… जीरो पर आउट
दूसरी इनिंग्स… 1 रन पर आउट
वही हुआ जो पहली बार हुआ था। बस फर्क इतना था कि इस बार दूसरी इनिंग्स में 1 रन बनाकर आउट हुआ था। इस पर उसे एक बार फ़िर टीम से बाहर निकाल दिया गया।
इसके बाद लगातार चलती रही प्रेक्टिस… प्रेक्टिस और बस प्रेक्टिस…
एक बार फ़िर उसने फर्स्ट क्लास मैचेस में हज़ारों रन बना डाले और 17 महीने बाद एक बार फिर से उसे खेलने का मौका मिला।
पहली इनिंग्स… जीरो पर आउट
दूसरी इनिंग्स… जीरो पर आउट
फिर वही हुआ जो पिछले दो बार हुआ था। उसे टीम से निकाल दिया गया। उसकी ज़िंदगी का यही वो पल था जब उसे लगने लगा था कि ’बस, बहुत हो गया, अब और नहीं झेला जाता’। लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने पूरी तरह से ख़ुद को क्रिकेट में झौंक दिया। जान लगा कर मेहनत की। दिन-रात प्रेक्टिस… प्रेक्टिस और बस प्रेक्टिस। अगली स्लाइड पर पढ़ें पूरी कहानी…