आप भी नहीं जानते होंगे उन्हें, जिन्होंने बनाया हमारे भारत का तिरंगा
हम अपने तिरंगे का बहुत सममान करते हैं। इसी तिरंगे के नीचे हमने आजादी पाई। लेकिन कया आप जानते हैं कि जिस तिरंगे से आप इतना प्यार करते हैं, वो आखिर किसकी कल्पना थी, इसे बनाया किसने था। नहीं ना। बहुत ही कम लोग ऐसे हैं, जो इस व्यक्ति को जानते हैं। तो आइए हम आपको बताते हैं इनके बारे में। जिनका नाम है पिंघली वेंकैया। जी हां, ये वहीं हैं, जिन्होंने हमारे भारत का झंडा तैयार किया था। जानिए पिंघली वेंकैया और तिरंगे से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
– साल 1916 में पिंघली ने एक ऐसे तिरंगे की कल्पना की थी जो सभी भारतीयों को एक सूत्र में बांध दे। उनकी इस पहल को एसबी बोमान और उमर सोमानी जी का साथ मिला और तीनों ने मिलकर नेशनल फलैग मिशन का गठन किया।
– वेंकैया ने राष्ट्रीय ध्वज के लिए महात्मा गांधी से सलाह ली थी। उस वक्त गांधीजी ने उन्हें तिरंगे के बीच में अशोक चक्र रखने की सलाह दी।
– उन्होंने पांच सालों तक तीस देशों के झंडों पर रिसर्च किया। तब जाकर हमारा राष्ट्रीय ध्वज तैयार हुआ।
– साल 1921 में पिंघली वेंकैया ने हरे और लाल रंग का इस्तेमाल करते हुए एक झंडा तैयार किया। लेकिन महात्मा गांधी को उसे देखकर ऐसा नहीं लगा कि ये किसी देश का प्रतिनिधित्व करता हो। इसके बाद इसके कलर को लेकर तरह-तरह के विचार सामने आने लगे। इस बीच वेंकैया एक ध्वज लेकर आए जिसमें केसरिया, सफेद और हरे रंग की पट्टियां थीं और बीच में अशोक चक्र बना हुआ था। इस ध्वज को सहमति मिल गई और कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर तिरंगे को अपनाया।
– उन्हें कई सारी भाषाओं का ज्ञान था, जिनमें उर्दू और जैपेनीज भी शामिल थी।
– जियोलॉजी में उन्होंने डॉकटरेट कर रखी थी। डायमंड माइनिंग के विशेषज्ञ भी थे। इसलिए उन्हें डायमंड वेंकैया के नाम से भी जाना जाता था।
– इसे बनाने वाले वेकैंया भारत की आजादी की लड़ाई के भी नायकों में शामिल थे।
– पिंघली ने अपने जीवन का एक हिस्सा खेती से जुड़ी रिसर्च में भी लगाया है। इस दौरान उन्होंने कंबोडिया कॉटन की खोज की। इस खोज के बाद इनका नाम पट़्टी वेेंकैया पड़ गया। हालांकि उन्होंने देश को झंडा दिया और आजादी की लड़ाई में शामिल रहे, लेकिन उन्होंने अपना जीवन गरीबी में गुजार दिया।1963 में जब पिंघली का देहान्त हुआ तब उनके परिवार की हालत बहुत ही गंभीर थी।