Monday, September 18th, 2017 17:29:25
Flash

एक खबर में जानें सरदार सरोवर बांध से जुड़ी वो सारी बातें जो आप जानना चाहते हैं




एक खबर में जानें सरदार सरोवर बांध से जुड़ी वो सारी बातें जो आप जानना चाहते हैं

Sponsored




जैसा की हम सभी जानतें है कि भारत का सरदार सरोवर बांध दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है जो गुजरात में नर्मदा नदी पर बना है. जिसकी आधारशिला 56 साल पहले राखी गई थी.  बता दे कि नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने 17 जून को बांध के 30 दरवाजे बंद किये थे. इसके बाद ये अभी तक बंद थे. अब 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन के दिन सरदार सरोवर परियोजना के 30 दरवाजे खोलकर इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

17 जून को हुए थे बांध के 30 दरवाजे बंद

आपको बता दे कि सरदार सरोवर बांध का का उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाकों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है. गुजरात में बांध के उद्घाटन को लेकर खुशी है तो वहीं मध्य प्रदेश में कई इलाकों में शोक का माहौल है. तो चलिए हम आपको बतातें है इस बाध से जुड़ें कुछ खास बातें जो शायद ही आपको अभी तक पता नही होगी. तो आइए जानतें है वह खास बातें-

-नर्मदा पर यह डैम बनाने की पहल 1945 में सरदार पटेल ने की थी.

-मुंबई के इंजीनियर जमदेशजी एम वाच्छा ने सरदार सरोवर डैम का प्लान बनाया पर इसकी शुरुआत में ही 15 साल लग गए.

-सरदार सरोवर बांध की नीव भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाला नेहरू ने 5 अप्रैल, 1961 में रखी थी.

-http://www.sardarsarovardam.org/ के अनुसार इसकी ऊचाई 163 और लम्बाई 1,210 मीटर है.

-सरदार सरोवर बांध दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है.

-बांध के 30 दरवाजे हैं. हर दरवाजे का वजन 450 टन है. हर दरवाजे को बंद करने में एक घंटे का समय लगता है.

-ये बांध अब तक 16,000 करोड़ की कमाई कर चुका है जो इसके स्ट्रक्चर पर हुए खर्च से तकरीबन दोगुना है.

-सरदार सरोवर बांध की 4.73 मिलियन क्यूबिक पानी स्टोर करने की क्षमता है.

-कांक्रीट के इस्तेमाल के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध, अमेरिका का ग्रांट कुली नंबर वन है.

-1000 वॉट के 620 एलईडी बल्बों से सजाया गया डैम.

– बांध पर गुलाबी, सफेद और लाल रंग के 620 एलईडी बल्ब लगाए गए हैं . इनमें से 120 बल्ब बांध के 30 गेट पर लगे हैं. इनसे पैदा होने वाली रोशनी से ओवरफ्लो का आभास होता है.

-डैम का मौजूदा वॉटर लेवल 128.44 मी. है.

– बांध बनाने में 86.20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट लगा है इससे पृथ्वी से चंद्रमा तक सड़क बनाई जा सकती थी  .

-यह बांध नर्मदा पर बनने वाले 30 बांधों में से एक है.

-सरदार सरोवर बांध को लेकर 1985 में जबरदस्त विरोध हुआ था.

गुजरात में जश्न, एमपी में 'शोक'

सरदार सरोवर बांध से यह होगें फायदें

– डैम का सबसे ज्यादा फायदा गुजरात को मिलेगा.  इससे यहां के 15 जिलों के 3137 गांव की 18.45 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की जा सकेगी.

– बिजली का सबसे अधिक 57% हिस्सा मध्य प्रदेश को मिलेगा. महाराष्ट्र को 27% और गुजरात को 16% बिजली मिलेगी .राजस्थान को सिर्फ पानी मिलेगा .

-बांध पूरा भर जाने पर गुजरात की पीने के पानी और सिंचाई की जरूरतें 6 साल तक पूरी हो सकेंगी.

-इससे 6000 मेगावॉट बिजली पैदा होगी.

-इस परियोजना से 18 लाख हेक्टेयर जमीन को लाभ होगा नर्मदा के पानी से नहरों के जरिए 9,000 गांवों में सिंचाई की जा सकेगी.

-मध्य प्रदेश के लोग इसे अपने लिए एक मुसीबत बता रहे हैं.

मध्यप्रदेश में सरदार सरोवर बांध का विरोध

आपको बता दे कि सरदार सरोवर बांध को लेकर 1985 में जबरदस्त विरोध हुआ था. सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की अगुवाई में डैम का निर्माण रोकने की कोशिश हुई थी तब से लेकर आज तक विरोध जारी है.

जल सत्याग्रहियों के साथ मेधा पाटकर

वही अभी भी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में लोग सरदार सरोवर बांध का विरोध कर रहे हैं . इतना ही नही सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि सरदार सरोवर के 30 गेट खुलते ही, मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, बड़वानी, धार, खारगोन जिलों के 192 गांवों, धर्मपुरी, महाराष्ट्र के 33 और गुजरात के 19 गांव इतिहास का हिस्सा बन जाएंगे. देश के शहरी इलाकों को रोशन करने, पानी भरने हज़ारों लोगों के घर में हमेशा के लिये अंधेरा छा जाएगा .

Sponsored



Follow Us

Yop Polls

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही जानकारी पर आपका क्या नज़रिया है?

    Young Blogger

    Dont miss

    Loading…

    You may also like

    No Related News

    Subscribe

    यूथ से जुड़ी इंट्रेस्टिंग ख़बरें पाने के लिए सब्सक्राइब करें

    Subscribe

    Categories