Happy Birthday Naseeruddin Shah
नासिरुद्धीन शाह फिल्म जगत का एक ऐसा नाम जिनको अभिनय की परछाई कहा जाए तो कम है। अपने चेहरे के भाव से दर्शको को सब कुछ बता कर उनके दिलों को छू लेने की कला नसीर साहब की अभिनय प्रतिभा का ऐसा बेजोड़ उदाहरण है. जिसे शायद ही कोई अभिनेता दोहरा पाये। वाकई नसीरुद्दीन शाह जैसे एक्टर्स को ना तो देश की सरहदें बांध सकती हैं, ना उम्र की जंजीरे थाम सकती हैं।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अदाकारी का एक पैमाना कहा जाए तो शायद ही किसी को एतराज हो. नसीर की काबिलियत का सबसे बड़ा सुबूत है, सिनेमा की दोनों धाराओं में उनकी कामयाबी. नसीर का नाम अगर पैरेलल सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं की सूचि में शामिल हुआ तो बॉलीवुड की मेन स्ट्रीम या कमर्शियल फिल्मों में भी उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की है।
नसीर साहब अपने शानदार हरफनमौला अंदाज के बूते मेन स्ट्रीम के चहेते सितारे भी बन गए, और ऐसा सितारा जिसने हर तरह के किरदार को बेहतरीन अभिनय से जिंदा कर दिया. ये सितार जब भी स्क्रीन पर आया देखने वाले के जेहन पर उस किरदार की यादगार छाप छोड़ गया। उसकी कॉमेडी ने पब्लिक को खूब गुदगुदाया तो एक्शन में भी उसका अलग ही अंदाज नजर आया।
20 जुलाई 1950 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जन्मे नसीरुद्दीन ने प्रारंभिक शिक्षा अजमेर और नैनीताल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने स्नातक की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से की। वर्ष 1971 में अभिनेता बनने का सपना लिये उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल आॅफ ड्रामा में दाखिला लिया। वर्ष 1975 में उनकी मुलाकात जाने माने फिल्म निर्माता एवं निर्देशक श्याम बेनेगल से हुयी।
श्याम बेनेगल उन दिनों फिल्म निशांत बनाने की तैयारी कर रहे थे। इस मुलाकात के दौरान श्री बेनेगल ने नसीरुद्दीन को एक उभरते हुए सितारे के तौर पर देखा और अपनी फिल्म में काम करने का अवसर दे दिया । और फिर यहाँ से अभिनय का जोरदार सफ़र शुरू हुआ जो अब तक जारी है।
वर्ष 1983 में नसीरुद्दीन के सिने कैरियर की एक और सुपरहिट फिल्म, जाने भी दो यारों, प्रदर्शित हुयी। अस्सी के दशक के आखिरी वर्षो में नसीरुद्दीन शाह ने व्यावसायिक सिनेमा की ओर भी अपना रूख कर लिया। इस दौरान उन्हें हीरो हीरा लाल, मालामाल, जलवा, त्रिदेव जैसी फिल्मों में काम करने का अवसर मिला जिसकी सफलता के बाद नसीरुद्दीन शाह को व्यावसायिक सिनेमा में भी स्थापित कर दिया। नसीरुद्दीन के सिने करियर में उनकी जोड़ी स्मिता पाटिल के साथ काफी पसंद की गयी।
नसीरुद्दीन अब तक तीन बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके है। इन सबके साथ ही नसीरुद्दीन तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये है। फिल्म के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये वह भारत सरकार की ओर से पदमश्री और पदमभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किये जा चुके है।
नसीरुद्दीन शाह ने तीन दशक लंबे सिने करियर में अबतक लगभग 200 फिल्मों में अभिनय किया है। नसीरुद्दीन आज भी उसी जोशोखरोश के साथ फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय है। 2008 में आई ‘अ वेडनेसडे’ में नसीर साहब ने अपनी कमाल की अदाकारी का एक और नजराना पेश किया तो ‘इश्किया’, ‘राजनीति’, ‘सात खून माफ’ और ‘डर्टी पिक्चर’ जैसी फिल्मों के जरिए नसीर साहब ने बार-बार ये साबित किया कि एक सच्चे कलाकार को उम्र बांध नहीं सकती. हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘मैक्सिमम’ में भी नसीर की जोरदार एक्टिंग ने पब्लिक को खूब एंटरटेन किया है। वाकई नसीरुद्दीन शाह जैसे एक्टर्स को ना तो देश की सरहदें बांध सकती हैं, ना उम्र की जंजीरे थाम सकती हैं।