सूफी संगीत है इनकी पहचान, मिलिए सूफी की सुल्ताना से
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म्यूजिक हमारी लाइफ का एक हिस्सा है जो हमे कभी सुकून देता है तो कभी प्यार का अहसास जगाता है। अक्सर प्यार की मुलाकात हमसे गानों के जरिए ही होती है जैसे ‘एक अजनबी हसीना से यूं मुलाकात हो गई’। वैसे तो फिल्म इंडस्ट्री में कई सिंगर्स है पर बहुत कम ऐसे सिंगर्स है जो सूफी गाने गाते है।
सूफी गानों की बात आई है तो सबसे पहला नाम हो सकता है आपको राहत फतेह अली खान या कैलाश खैर का आए लेकिन हम बात कर रहे है इंडिया की फीमेल सूफी सिंगर हर्शदीप कौर की। भारत की ये धांसू सिंगर जब सूफी गाने गाती है तो गानों में अपने आप दम आ जाता है। इनके जन्मदिन पर हम आपको बताने जा रहे है इनकी लाइफ से जुड़ी कुछ ख़ास बातें…
सूफी गानों से अपनी पहचान बनाने वाली हर्शदीप कौर का जन्म 16 दिसंबर 1986 में दिल्ली में एक सिख परिवार में हुआ था। इनके पिता सविंदर सिंह एक म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की फैक्ट्री के मालिक है। हर्शदीप ने छः साल की उम्र में म्यूजिक सीखना शुरू किया था। इन्होंने इंडियन क्लासिकल म्यूजिक, सिंह ब्रदर्स के नाम से फेमस तेजपाल सिंह से सीखा था। इसके बाद वेस्टर्न क्लासिकल म्यूजिक दिल्ली म्यूजिक थिएटर से सीखा था।
बारह साल की उम्र में वे वे दिल्ली स्कूल ऑफ म्यूजिक से जुड़ी जहां पर उन्होंने पियानो सीखा। हर्शदीप ने कई नामी म्यूजिक डायरेक्टर जैसे ए. आर. रहमान, प्रीतम चक्रवर्ती, अमित त्रिवेदी, विशाल शेखर, सलीम सुलेमान के साथ काम किया है। हर्शदीप ने दो म्यूजिक रियालिटी शो में जीत हासिल की।
बॉलीवुड में इनकी एंट्री फिल्म रॉकस्टार से हुई। जिस फिल्म ने रणबीर कपूर को रॉकस्टार बनाया उसी फिल्म के गाने ‘कतिया करू’ को गाकर हर्शदीप ने बॉलीवुड में एंट्री ली। हर्शदीप को अगर हम जट्ट कुड़ी कहें तो गलत नहीं होगा क्योंकि वे पंजाबी जट्ट की तरह गेटअप कर बिंदास अपने परफॉर्मेन्स देती है।
कुछ दिनों पहले ही रिलीज़ फिल्म ‘बेफिक्रे’ का गाना ‘खुलके-डुलके’ हर्शदीप कौर ने ही गाया है। हर्शदीप ने लंदन के वेंबली को भी अपने गानों से हिलाया है। यहां साल 2014 में प्रीतम के साथ लाइव परफॉरमेंस देकर उन्होंने सबको चौंकाया था। हर्शदीप ने बॉलीवुड फिल्मों में बहुत कम गाने गाए है लेकिन जितने भी गाए है वो बेहतरीन है। उनके गानों में उनका सूफी टच हमेशा झलकता है।
हर्शदीप कौर ने बॉलीवुड फिल्मों में कई बेहतरीन गाने गाए है। उनके कुछ फेमस गानें एक ओम्कार (रंग दे बसन्ती), कतिया करू (रॉकस्टार), जुगनी (कॉकटेल), हीर (जब तक है जान), तू हूर परी (खिलाड़ी 786), कबीरा (ये जवानी है दीवानी), उफ्फ (बैंग-बैंग), जलते दिए (प्रेम रतन धन पायो) है।
साल 2008 में हर्शदीप ने एनडीटवी इमेजिन के रियालिटी शो ‘जुनून : कुछ कर दिखाने का’ जीता था। हर्शदीप को अमिताभ बच्चन द्वारा सूफी की सुल्ताना का खिताब भी मिला था। हर्शदीप कौर एमटीवी के कोक स्टूडियो में भी अपना जलवा दिखा चुकी है। वे इसके तीनो सीजन में नज़र आ चुकी है।
हर्शदीप कौर ने 20 मार्च 2015 को अपने दोस्त मानकेत सिंह से शादी कर ली। हर्शदीप के जन्मदिन पर हम यही कामना करते है कि वो उनके फैन्स और म्यूजिक लवर्स को यूं ही दमदार सूफी गाने देती रहे।
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