हमारे पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के यूथ को काबिल बनाने के लिए स्किल डेव्हलप कर उन्हें स्वरोजगार की राह चुनने के लिए प्रेरित करने के लिए “स्किल इंडिया अभियान” की शुरुआत की थी। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था, मगर शुरुआती दौर में ही यह योजना फिसड्डी साबित हो रही है। NDTV पर प्रसारित एक रिपोर्ट के मुताबिक 7% ऐसे संस्थान भूतों का अड्डा बन चुके हैं।
ट्रेनिंग सेंटर निकला ब्वॉयज हॉस्टल
NDTV के मुताबिक उक्त संस्थानों में किसी तरह का कौशल विकास प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है। देश भर में ऐसे सैकड़ों संस्थान हैं, जिनके नाम सरकारी वेबसाइट की लिस्ट में हैं लेकिन असलियत में वहां कोई ट्रेनिंग सेन्टर नहीं चल रहा है। पीएम कौशल विकास योजना के तहत चलने वाले ऐसे अधिकांश ट्रेनिंग सेन्टर राजस्थान, यूपी और हरियाणा में हैं। NDTV की टीम जब दिल्ली से 60 किमी दूर NCR के ग्रेटर नोएडा में स्थित एक ऐसे ही एक संस्थान का पता लगाने पहुंची तो वहां संस्थान था ही नहीं। वहां एक हॉस्टल चल रहा था, जबकि नेशनल स्किल डेव्हलपमेन्ट कॉरपोरेशन (NSDC) की वेबसाइट के मुताबिक वहां SPEG नाम का कौशल विकास केन्द्र का संचालन हो रहा है और वहां 480 स्टूडेंट्स को ब्यूटी और हेयरड्रेसिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। जब हॉस्टल के गार्ड से इस बारे में पूछा गया तो उसने किसी तरह के ट्रेनिंग सेन्टर होने या किसी तरह का ट्रेनिंग कोर्स चलाए जाने से इनकार किया। गार्ड ने NDTV को बताया कि वहां सिर्फ 1 ब्वॉयज हॉस्टल है।
और दूसरा सेंटर निकला एक वेडिंग हॉल
NDTV ने सरकारी लिस्ट में शामिल यूपी के इटावा के जसवंत नगर में 1 फुटवेयर डिजायन इंस्टीट्यूट का भी दीदार किया। वहां पहुंचने पर पता चला कि वहां किसी प्रकार की ट्रेनिंग नहीं दी जा रही है बल्कि वहां एक वेडिंग हॉल है। जब कौशल विकास मंत्रालय के अधिकारियों को इस बारे में बताया गया तो उन लोगों ने इस तरह के संस्थानों का नाम वेबसाइट की लिस्ट से हटाने की बात कही।
क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) जिम्मेदार?
अधिकारियों ने यह मान्य किया कि मंत्रालय की इंटरनल ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक सरकार द्वारा अनुदानित करीब 7% संस्थान सिर्फ कागजों पर हैं। इनके अलावा 21% संस्थानों के पास ट्रेनिंग के लिए बेसिक इक्वीपमेंट भी नहीं हैं। हालांकि, अधिकारी इसके लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बता दें कि क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ही इन्सपेक्शन और एक्रिडिएशन के लिए सिफारिश करती है।
स्किल ट्रेनिंग को लेकर यह है सरकार का लक्ष्य
ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड यूथ स्किल डे के अवसर पर इस मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन के जरिए साल 2022 तक 40.2 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने का सरकार ने लक्ष्य रखा है। जिसमें 10.4 करोड़ युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर ट्रेंड किया जाएगा जबकि इसी अवधि तक 29.8 करोड़ मौजूदा वर्क-फोर्स को अतिरिक्त स्किल ट्रेनिंग भी इसके तहत देने की योजना है।