ताश के पत्ते से शुरू हुई थी जावेद की लवस्टोरी, ऐसे हुई थी पहली शादी
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बॉलीवुड में यूं तो हर शुक्रवार एक नई फिल्म आती है और पुरानी फिल्म चली जाती है। हर हफ्ते कोई न कोई फिल्म रिलीज होती है। इन फिल्मों में कुछ तो ऐसी होती है जिन्हें लोग एक ही हफ्ते में भूल जाते है और कुछ ऐसी होती है जो ज़िन्दगी भर याद रहती है। वहीं फिल्म में लोग एक्टर और डायरेक्टर को याद रखते है।
बहुत ही कम लोग होते है जो फिल्म के राइटर के बारे में जानते है। अगर बात की जाए किसी फिल्म के राइटर की तो लोग मुश्किल से दो-तीन लोगों को ही जानते होंगे। उन्हीं दो-तीन लोगों में शामिल है जावेद अख्तर और हनी ईरानी जिनकी कलम का जादू बॉलीवुड में ऐसा है जो फिल्म को जीवन्त बना देती है।
जावेद अख्तर को वैसे तो सभी लोग जानते है वे एक फेमस राइटर है। उन्होंने कई ऐसी फिल्में लिखी है जो बॉलीवुड के लिए माइल्ड स्टोन साबित हुई है। उनके करियर के शुरूआती दिन काफी संघर्षमय रहे है। ऐसे में उन्हें अपनी पहली जीवन साथी हनी ईरानी का साथ मिला था। वो उनकी पहली पत्नी थी।
इस संयोग कहें या कुछ और बॉलीवुड के दो दिग्गज राइटर जावेद और हनी एक ही तारीख को जन्मे थे। हनी का जन्म 17 जनवरी 1955 को हुआ था तो जावेद का जन्म 17 जनवरी 1945 को हुआ था। किस्मत ने इन दोनों का साथ काफी पहले ही लिख दिया था। लेकिन इनका साथ ज़्यादा दिन का नहीं था इन्हें काफी जल्दी अलग भी होना पड़ा था।
सबसे पहले हम आपको बताते है जावेद अख्तर के बारे में। जावेद अख्तर ग्वालियर में जन्मे थे और लेखन कला उनके खून में थी उनके पिता जान निसार अख्तर प्रसिद्ध प्रगतिशील कवि थे और माता सफिया प्रसिद्ध उर्दू लेखिका थी। माँ के गुजर जाने के बाद जावेद सौतेल मां के साथ भोपाल में रहे और यहीं उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की।
पढ़ाई के बाद वे अपना करियर बनाने के लिए वे मुंबई आए। वे 4 अक्टूबर 1964 को मुंबई आए थे उस वक्त उनके पास खाने तक के पैसें नहीं थे। उन्होंने कई रातें खुले आसमान के नीचे बिताई थी। लेकिन उनकी कलम के जादू में वो ताकत थी कि उन्हें उनका मुकाम मिल ही गया। अपने करियर की शुरूआत उन्होंने ‘सरहदी लूटेरा’ नाम की फिल्म से की थी।
वहीं दूसरी ओर बात करते है जावेद की पहली पत्नी हनी ईरानी के बारे में। हनी ईरानी बचपन से ही फिल्मों में काम कर रही थी। उन्होंने पहली फिल्म 3 साल की उम्र में की थी जिसमें उन्होंने महमूद के साथ अभिनय किया था। हनी ईरानी भी जावेद के दौर में एक बेहतरीन लेखक थी और जावेद की सहकर्मी भी।
70 के दशक में हनी ईरानी एक्टिंग के अलावा मशहूर डायरेक्टर रमेश तलवार को असिस्ट करने लगी। इसके बाद उनकी मुलाकात जावेद अख्तर से हुई। ये दोनों फिल्म ‘सीता और गीता’ की शूटिंग के दौरान मिले थे। इस फिल्म में सलीम और जावेद डायरेक्टर रमेश सिप्पी के लिए फिल्म लिख रहे थे। यहीं इन दोनों की पहली मुलाक़ात हुई।
इंटरनेट पर मिली जानकारी के अनुसार इनकी शादी का किस्सा भी बड़ा इंट्रेस्टिंग है। फिल्म सीता और गीता की शूटिंग के दौरान जब सब ताश खेल रहे थे तब हनी ईरानी ने जावेद अखतर से कहा कि लाओं में तुम्हारे लिए एक पत्ता खींच दू। इस पर जावेद ने कहा कि अगर ये पत्ता वाकई अच्छा हुआ तो मैं तुमसे शादी कर लूंगा।
हनी ने जब पत्ता खींचा तो वाकई जीताने वाला था। तभी जावेद ने मजाक में कहा कि चलो-चलो अब हम शादी कर लेते है और सब हंस पड़े। कुछ दिनों बाद इनके परम मित्र सलीम खान यानि सलमान के पिता पहुंचे हनी ईरानी की मां के पास जावेद का रिश्ता लेकर। सलीम ने साफ-साफ कहा कि ‘‘देखो इस लड़के के पास न घर है न ढंग की नौकरी है लड़का शराब पीता है, ताश खेलता है।’’
ये सुनकर हनी ईरानी की मां ने कहा कि करने दो इसे शादी अपने बाद में अपने आप अक्ल ठिकाने आ जाएगी। इसके बाद 21 मार्च 1972 में इनकी शादी हो गई। आपको बता दें कि हनी ईरानी की उम्र उस वक्त मात्र 17 साल की थी और जावेद साहब भी उस समय एक स्ट्रग्लिंग राइटर थे।
उस समय इनके पास रहने के लिए घर भी नहीं था। शादी के बाद ये अपनी बड़ी बहन मेनका के साथ रहे। मेनका साजिद और फरहा खान की मां है। इन्होंने ही जावेद को रहने के लिए एक कमरा दिया और फिर हनी के साथ जावेद ने अपनी ज़िन्दगी की शुरूआत की। जावेद के लिए स्ट्रग्लिंग ज्यादा दिन नहीं रही उनके दिन जल्द ही बदले और वे एक फेमस राइटर के रूप में पहचाने जाने लगे।
जावेद अखतर और हनी ईरानी के दो बच्चे है जोया और फरहान अखतर। जावेद की पहली शादी ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल सकी। जावेद की नजदीकियां शबाना आजमी के साथ बढ़ने लगी। जावेद ने खुद इसे स्वीकारा और अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया और शबाना आज़मी से निकाह किया।
जावेद अखतर और हनी ईरानी आज भी कई बार मिलते हुए देखे जाते है। हनी ईरानी का लेखन अभी भी जारी है। उन्होंने नए दौर को कोई मिल गया और डीडीएलजे जैसी फिल्में दी है। जावेद अखतर को भी उनके बेहतरीन लेखन के लिए पद्म भूषण जैसे सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया था।
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