जब आप नए-नए कहीं पर काम करने जाते हैं और आप अपनी होशियारी दिखाने की कोशिश करते हैं तो वहां काम करने वाले लोग कहते है कि ‘ये कल का आया लड़का/लड़की हमको सिखाएगा।’ कुछ ऐसा ही जियो के साथ हुआ है। वैसे मेहनत करने वाला हमेशा इन सभी से आगे निकल जाता है उसे इनके बोलने से कुछ फर्क नहीं पड़ता।
चलिए अब बात करते हैं जियो की। जियो जब लॉन्च हुआ था तब ही उसने सभी कंपनियों को ये बता दिया कि कल की आई ये सिम सभी का मार्केट बिगाड़ कर रख देगी। जियो के आने से दूसरी टेलीकॉम कंपनियों का मार्केट काफी ज़्यादा बिगड़ा है। दूसरी कंपनियों के नए यूजर्स में पहले के मुकाबले काफी कमी आई है।
बीते साल प्रमुख टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर की बाजार हिस्सेदारी में कमी आई है और नई दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने आक्रामक रणनीति के जरिए तेजी से अपने बाजार की हिस्सेदारी बढ़ाई। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 की समाप्ति पर जियो की बाजार हिस्सेदारी 6.4 प्रतिशत पर पहुंच गई।
ट्राइ की सालाना टेलिकॉम सर्विस परफॉरमेंस संकेतक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर 2016 के आखिर तक भारती एयरटेल की बाजार में हिस्सेदारी घटकर 23.58 प्रतिशत रह गई जो पिछले साल 24.07 प्रतिशत पर थी। हालांकि इस दौरान एयरटेल के ग्राहकों की संख्या में 9.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
कंपनी ने साल 2016 के दौरान 2.25 करोड़ नए ग्राहक जोड़े। वोडाफोन ने साल के दौरान1.10 करोड़ नए ग्राहक बनाए, लेकिन उसकी बाजार हिस्सेदारी 19.15 प्रतिशत से घटकर 18.16 प्रतिशत पर आ गई। रिलायंस जियो ने सितंबर 2016 में कमर्शियल ऑपरेशन शुरू किया था। उसने मुफ्त वाइस और डाटा की पेशकश की थी। साल के अंत में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 6.4 प्रतिशत रही और ग्राहकों की संख्या 7.21 करोड़ थी।