आज भी कई लोग ऐसे है जो हर मुस्लिम को पाकिस्तानी समझने की सोच रखते है और मुस्लिमों से नफरत करते हैं। ऐसे गुमराह लोगों के लिए एक शहीद सैनिक की बेटी का संदेश है, जिसमें उन्होंने इस अवधारणा को बेबुनियाद बताया है। करगिल युद्ध में शहीद कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर का एक विडियो फेसबुक सामने आया है, जिसमें उन्होंने बिना कुछ बोले लिखित संदेशों के माध्यम से यह विचार शेयर किया है।
मां की सीख ने बदली सोच
गुरमेहर जब 2 साल की थी वो तब से हर पाकिस्तानी और मुस्लिमों से नफरत करती थी। वह सोचती थी कि उसके पिता की मौत के जिम्मेदार पाकिस्तानी हैं और मुस्लिम लोग है। लेकिन गुरमेहर की मां ने उन्हे समझाया कि ऐसा नही है उसके पिता की मौत की वजह पाकिस्तानी या मुस्लिम नही बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली जंग है। मां की इस बात के चलते उन्हें भी इसका अहसास हुआ। इसके बाद ही उन्होंने राम सुब्रमनियन के साथ मिलकर यह विडियो बनाया और दोनों देशों की सरकारों से यह गुहार लगाई कि दोनों देशों के ज्यादातर लोग इस तनाव के खिलाफ हैं और इसे जल्द से जल्द खत्म किया जाए।
वीडियों में दिया संदेश
गुरमेहर ने वीडियों में 30 पोस्टरों के जरिए संदेश दिया है कि वे पिता के ना होने के बाद कैसा महसूस करती है। इसकी यादें मेरे पास ज्यादा हैं और मुझे याद है मैं पाकिस्तान और पाकिस्तानियों से कितनी नफरत करती थी क्योंकि उन्होंने मेरे पिता को मार डाला। गुर ने लिखा कि छह साल की उम्र में उन्होंने एक बुरका पहनी हुई महिला को मारने की कोशिश की क्योंकि पता नहीं किस वजह से मुझे ऐसा लगता था कि वही मेरे पिता की मौत की जिम्मेदार है और आज मैं भी अपने पिता की तरह एक सैनिक हूं। मैं भारत-पाकिस्तान के बीच शांति के लिए लड़ रही हूं।
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