केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने दो युवा साइक्लिस्टों को जम्मू कश्मीर के युवाओं को मुख्यधारा में लाने के अभियान के साथ दिल्ली से फ्लैग ऑफ किया। इस साइकिल यात्रा के दौरान वे जम्मू कश्मीर राज्य में लगभग 1500 कि.मी. का सफर तय करेंगे। दिल्ली से अपने अभियान पर निकले जितेंद्र रावत और विकास कुमार जम्मू कश्मीर में अपनी मुख्य यात्रा की शुरूआत उधमपुर से करेंगे तथा श्रीनगर, कारगिल, द्रास और लेह होते हुए मनाली तक का लगभग 1500 कि.मी. का सफर साइकिल से तय करेंगे।
पिछड़े बच्चों की शिक्षा के लिये धन भी जुटाएंगे
रावत ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान वे दुनिया के कुछ दुर्गम रास्तों और ऊंचे दर्रों से होकर गुजरेंगे और इस बीच राज्य के युवाओं से मिलकर उन्हें शांति और देश के विकास के लिये मुख्यधारा से जुड़ने के लिये प्रेरित करेंगे। उन्होंने बताया कि इस अभियान का एक और उद्देश्य ‘शिक्षा के लिये साइकिलिंग’ है। इसके तहत वे दिल्ली स्थित NGO ‘रिदम आॅफ लाइफ’ के अंतर्गत आर्थिक और सामाजिक तौर से पिछड़े बच्चों की शिक्षा के लिये धन भी जुटाएंगे।
दोनों साइक्लिस्टों का परिचय
जितेंद्र रावत उत्तराखंड राज्य के रहने वाले हैं और उन्होंने MBA किया है। साहसिक खेलों से जुड़े रावत पूरे देश का भ्रमण कर चुके हैं। वे अमेरिका के व्योमिंग स्थित जवाहर इंस्टीट्यूट आफ माउंटनियरिंग एंड NOLS से मान्यता प्राप्त पर्वतारोही हैं। रावत 2014 में माउंट एवरेस्ट आधार शिविर तक जा चुके हैं। उन्होंने 2016 में मनाली से लेह तक अकेले दुनिया की सबसे ऊंची सड़कों में एक पर साइकिलिंग की थी। विकास कुमार भी MBA हैं और कारपोरेट सेक्टर में कार्यरत हैं। जुनूनी साइक्लिस्ट विकास झारखंड के रहने वाले हैं और पिछले तीन वर्षों से साइकिलिंग से जुड़े हुए हैं।