जानिए किसने और क्यो बनाया था @
- - Advertisement - -
अक्सर इंटरनेट की गलियों में घूमते-घूमते आपके हाथ कुछ नया लग जाता है। कुछ ऐसा जिसके बारे में आप पहले से नहीं जानते थे। अब इंटरनेट चीज ही ऐसी है। अपने अंदर करोड़ों, अरबों या उससे भी ज़्यादा जानकारियां समेटे हुए है। दरअसल देखा जाए तो इंटरनेट अपने आप में ही एक ही बहुत बड़ी जानकारी है। इंटरनेट की एक ऐसी चीज़ की हम आपको जानकारी देने वाले है।
पहले के जमाने अपनी बात को लिखित रूप में कहीं पहुंचाने के लिए चिठ्ठी का यूज किया जाता था लेकिन जमाना अब बदल गया है और हम लोग आज चैटिंग, मैसेजिंग और मेल का प्रयोग करते है। जरा सोचिए मेल किसी भी बात को या किसी भी टैक्स्ट को पहुंचाने का कितना बढ़िया साधन है।
बस मेल एड्रेस टाइप करो @ लगाओ और मेल को उसके मुकाम पर सेंड कर दो। कभी आपने सोचा ये @है क्या और किसने बनाया, बनाया तो बनाया पर क्यो बनाया, क्या सोच कर बनाया होगा। चलिए नहीं भी सोचा है तो कोई बात नहीं आज आपको पता चल ही जाएगा कि ये @ क्यो बनाया गया था।
इसका कॉन्सेप्ट कुछ-कुछ इंडियन पोस्टल डिपार्टमेंट जैसा ही है। जिस तरह किसी भी चिठ्ठी को भेजने के लिए एक सही पते की एक सही पिनकोड की और जिसे देना है उसके नाम की जरूरत पड़ती है ठीक उसी तरह ही ईमेल यानी आपकी इलेक्ट्रॉनिक चिठ्ठी को भेजने के लिए एक सही एड्रेस की जरूरत पड़ती है जिसे ईमेल एड्रेस कहा जाता है।
ईमेल को आप भले ही कुछ सालों से जानते हो लेकिन इसे बनाने की जद्दोजहद काफी पहले शुरू हो गई थी। बात सन 1971 की है जब पहला ईमेल किया गया था। इस ईमेल की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। उस समय एक अमेरिकन प्रोग्रामर रे टॉमलिंसन ने इंटरनेट के अपारनेट सिस्टम पर ईमेल प्रोग्राम बनाया।
इस मेल सिस्टम से उन्हें मेल किया जा सकता था जो अपारनेट से जुड़े हुए है। इस मेल को सिर्फ उन्हीं यूजर्स को भेजा जा सकता था जो एक ही कंप्यूटर और अपारनेट सिस्टम यूज कर रहे है। लेकिन अब दिक्कत ये हुई कि अगर अपारनेट के अलावा किसी और होस्ट या यूजर को मेल भेजना है तो कैसे भेजेंगे।
इसी समस्या के समाधान के लिए ईमेल के जनक रे टॉमलिंसन ने @ की खोज कर दी। ये सिर्फ एक सिम्बॉल ही नहीं है बल्कि किसी मेल को सही जगह पहुंचाने का एक माध्यम भी है। आपने मेल करते समय देखा ही होगा कि किसी भी यूजरनेम को लिखने के बाद ऋऋऋ लिखा जाता है और फिर उस प्रॉपर मेल सर्विस का नाम डाला जाता है। @ का मतलब एड्रेस से होता है। इस चिन्ह का प्रयोग ट्विटर में भी यूजरनेम के लिए किया जाता है। जो यूजरनेम का एड्रेस शो करता है।
टॉमलिंसन ने @ का प्रयोग कर ईमेल एड्रेस में यूजरनेम और सिस्टम के नाम को अलग कर दिया। जिसकी मदद से वो अपारनेट के अलावा अन्य सिस्टम और अन्य यूजर के पास भी जा सके। रे टॉमलिंसन को उनके इस योगदान के लिए इंटरनेट हॉल ऑफ फेम में भी शामिल किया गया था। पिछले साल 5 मई को उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।
- - Advertisement - -