पूरी दुनिया में रेलवे ट्रेक बिछा है और हम सब आए दिन इसे देखते भी हैं। लेकिन आपने कभी सोचा है कि रेलवे ट्रेक पर पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े या फिर गिट्टियां क्यों बिछाई जाती हैं। तो हम आपको बताते हैं इसकी वजह। सबसे पहले तो ये कि रेलवे ट्रेक पर गिट्टियां इसलिए डाली जाती हैं कि पटरियों के बीच में घर्षण न हो, क्योंकि रेल काफी भारी भरकम होती है। जब वह चलती है तो इससे बहुत ज्यादा घर्षण होता है। उसको कम करने के लिए गिट्टियां बिछाई जाती हैं। गौर करने वाली बात ये है कि भारत में शायद ही कोई ऐसा कोई रेलवे ट्रेक हो जहां गिट्टियां न डाली जाती हों। इन विशेष तरह की गिट्टियों को बलास्ट कहते हैं।
आपने एक चीज और देखी होगी कि रेल की पटरियों के बीच में लकडिय़ों के पट्टे बिछाए जाते हैं। उन लकडिय़ों के पट्टों को इसलिए बिछाया जाता है, जिससे कि गिट्टियां सामान्य स्तर पर बिछाई जा सकें। जब लकड़ी के पट्टे बिछ जाते हैं, उसके बाद इनके बीच में गिट्टियां भर दी जाती हैं। जिसकी वजह से रेल की पट्टियां भी सही रहती हैं और उनमें घर्षण नहीं होता।
यह गिट्टियां काफी नुकीले पत्थर की होती हैं। इनको बिछाने की वजह से कितनी भी भारीभरकम रेल इन पटरियों से गुजरें , लेकिन इन पट्टियों का बैलेंस नहीं बिगड़ता। पानी पडऩे से भी ये बहती नहीं हैं। गिट्टियों को बिछाने का एक कारण यह भी है कि रेलवे ट्रेक के आसपास पेड़-पौधे न उगें।