बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 आने के बाद से पटना में सबसे कम बेनामी संपत्ति जब्त हुई है, वहीं कोलकाता बेनामी संपत्ति के मामले में पहले नंबर पर रहा है। बेनामी लेनदेन (निषेध) 1 नवंबर 2016 से लागू किया गया है। 8 महीने में अब तक 413 बेनामी लेनदेन की पहचान की गई है। इन्कम टैक्स (इन्वेस्टिगेशन) के मुताबिक 14 क्षेत्रों में अब तक 233 मामलों में 813 करोड़ रु. की बेनामी संपत्ति जब्त की गई है।
कोलकाता अव्वल तो, बिहार बच निकला
वित्त मंत्रालय के मुताबिक इस अधिनियम के तहत 1 नवंबर, 2016 से 20 जून, 2017 के बीच की पूरी जानकारी उपलब्ध है। इस अधिनियम के तहत 233 मामलों में संपत्तियों को अस्थायी तौर पर अटैच किया गया है। अटैच की गई संपत्तियों की कीमत 813 करोड़ रु. है। बेनामी संपत्तियों में बैंक खातों में जमा राशि, ज्वैलरी और अन्य अचल संपत्ति शामिल हैं। इन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अटैच की गई संपत्तियों की कीमत 813 करोड़ रु. है, जबकि अकेले कोलकाता 477 करोड़ रु. की संपत्ति अटैच की गई है। यह पूरे देश में अटैच की गई कुल संपत्ति का 58% से भी ज्यादा है। लखनऊ क्षेत्र में इस अधिनियम के तहत कुल 13 बेनामी लेनदेन का पता चला था, लेकिन कोई संपत्ति अटैच नहीं की गई है। वहीं पटना क्षेत्र में ऐसे 19 मामलों सामने आए, जिनमें 7 लाख रु. की संपत्ति को अटैच किया गया।
और ये है देश का हाल
कोलकाता बेनामी संपत्ति के मामले में पहले नंबर पर रहा, तो अहमदाबाद में 74 बेनामी ट्रांजेक्शन के मामले सामने आए, लेकिन इनमें से केवल 4 मामलों में ही संपत्ति अटैच की गई है। चैन्नई और मुंबई को मिलाकर कुल 233 बेनामी संपत्ति के मामले सामने आए। इनमें से 107 मामलों में संपत्ति अटैच की गई। बेनामी संपत्ति अटैच होने के मामले में चैन्नई क्षेत्र दूसरे नंबर पर रहा। यहां 65 मामलों में 93.39 करोड़ रु. की संपत्ति अटैच की गई। वहीं मुंबई क्षेत्र में 42 मामलों में 91.74 करोड़ रु. की संपत्ति अटैच की गई।