यहां मौत का कारण है लीची
एक ऐसी बीमारी जो लोगों में लीची खाने के कारण हो रही थी। ये भयावह बीमारी लोगों में लीची खाने से होती है। सुनने में थोड़ा अजीब जरूर है मगर सच यही है। दरअसल, मुजफ़्फर नगर में 2014 तक हर साल लोगों की रहस्यमय मौत हो रही थी। ’’द लैनसेट’’ नामक मेडीकल जर्नल में प्रकाशित हुई 2013 में नैशनल सेंटर ऑफ डिसीज़ कन्ट्रौल (NCDC) और यूएस सेंटर ने इस मामले में एक साझा शोध किया। जिसमें रिसर्च कर रहे अमेरिका और इण्डिया के कुछ बड़े वैज्ञानिकों ने मिलकर इस रहस्यमयी तरीके से फैल रही मस्तिष्क संबंधित बीमारी का कारण पता लगा लिया है। जो लीची खाने के कारण होती है।
बीमारी की वजह
मुजफ़्फर नगर ख़ास लीची की पैदावार के लिए जाना जाता है, वैज्ञानिकों का कहना हैं कि,खाली पेट लीची खाने से ये बीमारी हो रही है। इस बीमारी ने लगभग 2 दशक तक मुजफ़्फर नगर को अपनी गिरफ़्त में ले रख़ा था। हाल ही ऐसे मामले पश्चिम बंगाल में भी देखने को मिले हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि, शाम को खाना न खाने से भी रात को हाइपोग्लाइसीमिया या लो शुगर की समस्या हो जाती है।
बच्चों में दिखें इसके असर
इस बीमारी का असर खासकर बच्चों में देखने को मिला। साथ ही जिनके लिवर और मसल्स में ग्लाइकोजन-ग्लूकोज़ की स्टोरेज कम होती है। शरीर में एनर्जी पैदा करने वाला फैटी एसिड और ग्लूकोज़ बनाते हैं। फैटी एसिड का ऑक्सीकरण हो जाता है। लीची में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले विषक्त पदार्थ जिन्हें hypoglycin A और methylenecyclopropylglycine (MPCG) कहा जाता है। जिस कारण ब्लड शुगर लो लेवल में चला जाता है। जिससे मस्तिष्क संबंधी दिक्कतो की शुरूआत हो जाती है । जिसके बाद दोरे पड़ने जैसी समस्याए शुरू हो जाती है और मौत हो जाती है।
ऐसे पता लगा कारण
मुजफ़्फर नगर के कृष्णा मेडीकल कॉलेज हॉस्पिटल में 15 साल से कम 350 बच्चे मस्तिष्क संबंधी बीमारी के कारण भर्ती कराया गया। जिसमें 122 बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद 204 बच्चों ने लीची खाई थी। इसमें ज्यादातर बच्चों के माता-पिता का कहना है बच्चें ने रात को खाना नहीं खाया था। जिसके बाद से ही लगातार बीमारी का असर दिखा रही थी। वहां के लोगों ने बताया कि, बच्चे मई-जून के महीनें में बगीचें में चलें जाते थे। सारा दिन लीची खाते और घर आ कर सो जाते थे।
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