Modi In Japan-कालेधन पर आजादी से अब तक का हिसाब चेक होगा
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टोक्यो। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान में हैं। जहां आज यानी शनिवार को मोदी ने भारतीय कम्युनिटी के लोगों से मुलाकात की। मोदी ने ‘नमस्ते’ व ‘केम छो’ बोलकर मोदी ने की भाषण की शुरुआत। इतना ही नहीं मोदी ने यहां नोटबंदी पर भी बोले, कहा ” पहले लोग गंगा में चवन्नी नहीं डालते थे, अब नोट बह रहे हैं।” इससे पहले मोदी ने जापानी पीएम शिंजो आबे के साथ बुलेट ट्रेन का सफर किया। आइए एक नजर डालते हैं पीएम मोदी के मुख्य अंश पर …
-गुजरात में आए भयंकर भूकंप की घड़ी में कोबे ने मदद की थी। सबसे ज्यादा एफडीआई भारत को प्राप्त हो रही। देश आर्थिक विकास पर तेज गति से आगे बढ़ रहा है। पूरा विश्व कह रहा, सबसे तेज गति से जिस देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है, वह भारत है।
-पाप करने वाले ज्यादा नहीं, मुसीबत सवा सौ करोड़ को हो रही थी। पहले गंगा में जो चवन्नी डालता था, अब नोट बह रहे हैं। देश को गरीबी से मुक्त करना है। देश के गरीबों ने दिखाई अमीरी। 45000 करोड़ रुपए भारत के गरीबों ने जमा किया। यह है गरीबों की अमीरी।’
– मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों को नमन और सलाम करता हूं। घर मे शादी है. पैसे नहीं हैं.मां बीमार है.मुश्किल है.लेकिन इन सबके बावजूद.तकलीफ के बाद भी.लोग मुंह में ऊंगली डाल डालकर पुछवाते थे कि मोदी के खिलाफ कुछ बोलो.लेकिन मैं देश के लोगों को सौ सौ सलाम करता हूं। कोई चार घंटे तो कोई छह घंटे लाइन में खड़ा रहा, लेकिन तकलीफ झेली.लेकिन दिश के हित में इस फैसले को स्वीकार किया।
-हमने कह दिया है कि कोई गृहिणी ढाई लाख रुपये जमा कर देगी, तो सरकार उसे नहीं पूछेगी कि यह कहां से आए। इसका परिणाम यह हुआ कि कई बेटे और बहुएं जिन्होंने मां को वृद्धाश्रम में रखा था, वे उन्हें लाकर खाते में ढाई-ढाई लाख जमा कर रहे हैं। बताइए क्या वह मां मुझे आशीर्वाद नहीं देगी?
-यह फैसले अचानक नहीं लिया गया है। पहले एक स्कीम निकाली था। 67 हजार करोड़ उससे आए। लोग कहते रहे कि मोदी फेल हो गए। पिछले दो साल में सवा लाख करोड़ रुपया वापस आया। है। मौका दिया गया था। अब गलती मेरी नहीं है।
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