राखी सावंत अपने विवादित बयानों के कारण काफी फेमस रही है साथ ही वे अपने बोल्ड अंदाज़ के लिए भी काफी फेमस हुई है लेकिन अब वे अपने विवादित बयान देने के कारण एक मुसीबत में फंस गई हैं। उन्होंने महाकाव्य रामायण के लेखक महर्षि वाल्मिकी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
इस मुकदमे के दर्ज होने के बाद उन्हें गिरफ्तार करने का ऑर्डर दिया गया था। इस मुसीबत के कारण उन्हें अब कोर्ट के चक्कर भी काटना पड़ रहे हैं। हाल ही में लुधियाना कोर्ट ने उन्हें थोड़ी सी राहत दी है। कोर्ट ने राखी को बेल दे दी है लेकिन साथ ही ये भी कहा है कि उन्हें 7 अगस्त तक सरेंडर करना है।
इससे पहले राखी सावंत के खिलाफ गैरजमानती वॉरंट जारी किया जा चुका है क्योंकि वे सुनवाई के दौरान कोर्ट में नहीं पहुंची थीं। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने लुधियाना के पुलिस आयुक्त को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि राखी सावंत 7 जुलाई को अदालत में उपस्थित हों लेकिन वे सुनवाई के लिए नहीं पहुंची और उनके खिलाफ गैरजमांती वॉरंट जारी कर दिया गया था।
आपको बता दें कि स्थानीय वकील नरेंद्र अदिया ने पिछले वर्ष 9 जुलाई को राखी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और दावा किया था कि एक निजी टीवी चैनल पर एक कार्यक्रम के दौरान उनकी टिप्पणियों ने वाल्मीकि समुदाय की भावनाओं को आहत किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने इस साल 9 मार्च को राखी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। राखी ने एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा था, मैंने बचपन में पढ़ा था कि वाल्मिकी जी एक डाकू से एक संत बन गए, मीका जी भी उसी तरह बदल गए। इस टिप्पणी के बाद वाल्मिकी समुदाय के लोगों ने अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किया था।
वहीं अरेस्ट वॉरंट जारी होने के बाद राखी सावंत ने कहा था कि वह बेकसूर है, जो सोशल वर्क करने में विश्वास करती हैं। राखी ने कहा था कि मैं सलमान खान नहीं हूं, मैं राखी सावंत हूं। मेरे ऊपर चार्ज लगाने से किसी को कुछ नहीं मिलेगा। मैं एक आम लड़की हूं जो सोशल वर्क और फिल्मों में काम करती है। बता दें कि उस समय भी राखी के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट लुधियाना की कोर्ट ने जारी किया था। इस मामले पर राखी के वकील रजनीश लखनपाल ने अदालत को बताया था कि उनकी मुवक्किल ने इस संबंध में नहीं बोला था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उन्होंने वाल्मीकि समुदाय से बिना शर्त माफी भी मांग ली थी।