यशोदा के नंदलाल के लिए वैसे तो जन्माष्टमी पर आप खूब पकवान और प्रसाद बनते हैं, लेकिन कैसा हो अगर आप वहीं प्रसाद बनाएं, जो श्रीकृष्ण को पसंद हैं। जिन्हें खाकर वे प्रसन्न हो जाते हैं। तो जन्माष्टमी के शुभ मौके पर कान्हाजी को खिलाएं ये पांच चीजें।
माखन
ये तो भगवान कृष्ण को इतना प्रिय है कि जन्म से पहले ही गोकुल की महिलाओं को सपने में कह दिया करते थे कि मैरे लिए माखन तैयार रखना। वे घर-घर माचान चुराकर खाते थे, इसलिए उन्हें माखनचोर भी कहा जाता है। इसलिए इस अवसर पर माखन का भोग लगाएं।
मिसरी-
माखन के साथ मिसरी मिनाकर खाने में बहुत ही आनंद आता है। श्रीकृष्ण माखन और मिसरी मिलाकर खाते थे। इसलिए गिरधर को माखन के संग मिसरी का भोग भी लगता है।
खीर-
कान्हा को चावल की खीर बहुत पसंद थी। यशोदा को पता था कि उनके लल्ला को खीर पसंद है, इसलिए वे पहले ही इसे बनाकर रखती थीं।
साग-
साग भी भगवान कृष्ण का पसंदीदा है। इन्होंने दुर्योधन के घर छप्पन भोग को छोड़कर विदुरजी के घर साग खाया था।
तिल–
तिल भी मुरलीधर को बहुत पसंद है। इसलिए उनकी पूजा में तिल का प्रयोग जरूर होता है। इसलिए काले तिल से बनी किसी भी चीज का भोग आप उन्हें लगा सकते हैं।