मामला अगर शादी का हो, तो सबसे पहले बात आती है क्वालिफिकेशन की। यानि की लड़की या लड़का पढ़े -लिखे हैं या नहीं। पढ़े हैं तो कहां तक। इन बातों पर सबसे ज्यादा गौर किया जाता है। समाज में शिक्षा के मामले में लड़कियां का लेवल बढ़ा है। उनकी क्वालिफिकेशन का लेवल बढ़ा है साथ ही बढ़ी है उनकी सैलरी। लेकिन शादी के नजरिए से देखा जाए, तो ये लड़कियों के लिए अच्छी बात है, क्योंकि आज हर लड़का खुद से ज्यादा पढ़ी-लिखी लड़की चाहता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार हाल के दशकों में हाईली एजुकेटिड वुमेन्स की संख्या बढऩे के साथ पुरूषों के लिए खुद से ज्यादा क्वालिफाइड महिलाओं से शादी करने की संभावना बढ़ गई है। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कंसास के एसोसिएट प्रोफेसर चांगहवान किम ने कहा है कि- समय के साथ शादी का स्वरूप और इकोनॉमिक रिजल्ट काफी बदल गए हैं।
समाजशास्त्री डॉ.रेखा अग्रवाल कहती हैं कि पिछले चार- छह सालों में महिलाओं ने अपनी शिक्षा को बेहतर बनाया है। वे पुरूषों से कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। कहीं-कहीं तो पुरूषों से आगे भी हैं। पद के मामले में भी और सैलरी के मामले में भी। पहले के जमाने में हमेशा लड़के लड़कियों से ज्यादा पढ़े-लिखे होते थे, तब लड़कियां अपने पति पर ही निर्भर रहती थीं, लेकिन आज लड़कियां आत्मनिर्भर हैं और लड़के भी यही चाहते हैं कि अगर उनकी पत्नी उनसे ज्यादा कमाएगी, तो वह अर्निंग्स को भी अच्छे से मैनेज कर पाएगी, जैसे घर को मैनेज करती है वैसे ही।
डेमोग्राफी मैग्जीन में पब्लिश एक रिसर्च में कहा गया है कि अब महिलाएं भी अपने से कम पढ़े-लिखे पुरूषों से शादी करने में कोई हर्ज नहीं जतातीं। रिसर्चर्स ने 1990 से 2000 के बीच के अमेरिकी जनगणना और 2009-11के अमेरिकन कम्यूनिटी सर्वे के आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए 35-44 साल की उम्र के लोगों में एजुकेशन से मिलने वाली वित्तीय प्रॉफिट में आए लिंग के हिसाब से बदलाव को एनालिसिस किया गया।
बढ़ी है पर्सनल सैलरी-
इस सर्वे में पाया गया कि 2009-11 के बीच महिलाओं की पर्सनल सैलरी पुरूषों के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ी है। कारण यह कि महिलाओं ने अपनी एजुकेशन में इजाफा किया। इस कारण उन्हें एजुकेशन के ज्यादा बेनिफिट्स मिले और इस कारण उनकी सैलरी में भी इजाफा हुआ। हालांकि अब मैरिज के क्षेत्र में हाईक्वालिफाइड महिलाओं की संख्या पुरूषों की तुलना में बहुत ज्यादा हो गई है।