पाकिस्तान पर भरोसा करके इस विदेशी ने कर दिया चमत्कार
रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटिकाए
तोड़े से फिर न जुड़े, जुड़े तो गांठ पड़िजाए।
रहिमत का ये दोहा बताता है कि दुनिया में विश्वास कमाना कितना मुश्किल काम है अगर किसी का विश्वास या प्रेम एक बार टूट जाता है तो वो आप पर हमेशा शक करता है। वैसे ये बात सही है कि इस दुनिया में किसी पर विश्वास नहीं किया जा सकता। ऐसे में विश्वास कमाना एक बहुत बड़ी बात हो जाती है खासतौर पर पाकिस्तान जैसे देश के लिए जिसे भारत पर किए आतंकवाद की ओर से अव्वल माना जाता है।
पाकिस्तान में आतंकी छिपे हुए है इस बात को दुनिया जानती हैं लेकिन उन्हें वहां से निकालना काफी टेड़ी खीर है। पाकिस्तान पर दुनियाभर के काफी कम देश विश्वास करते हैं और काफी सारे लोग विश्वास नहीं करते ! जो भी हो ये अंतराष्ट्रीय राजनीति काफी कूटनीतिज्ञ होती है कौन किसका सगा है कभी पता नहीं चलता।
पाकिस्तान पर कोई भरोसा करे या न करे लेकिन एक बंदे ने यहां पर भरोसा करके चमत्कार कर दिखाया जो शायद कोई और यहां पर नहीं कर सकता था। पाकिस्तान का नाम वैसे तो भारत पर आतंकी हमले करने और सीमा पर जवानों के मारे जाने के कारण सुर्खियों में आता रहता है लेकिन आज से 6 साल पहले बिन लादेन को मारे जाने के कारण भी सुर्खियों में आया था।
2 मई 2011 वो दिन था जब तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने घोषणा की थी अमरीकी सैनिकों ने पाकिस्तान में अल क़ायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार दिया। ओसामा बिन लादने को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के करीब एक घर में मारा गया था। पाकिस्तान का नाम सुर्खियों में छा गया था।
ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में मारे जाने के कारण पाकिस्तान आर्थिक रूप से काफी चरमरा गया था। यहां के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी आने लगी। ये वो समय था जब काफी कम निवेशक पाकिस्तान में अपना पैसा निवेश करने के बारे में सोचते। लेकिन पाकिस्तान को इस आर्थिक संकट से निकालने का जिम्मा लिया मटिअस मार्टिसन ने।
साल 2011 में 6 महीने बाद मटिअस ने पाकिस्तान में पहला विदेशी इक्विटी फंड लॉन्च किया। शुरूआत में इस फंड के लिए किसी ने उनकी मदद नहीं की। ऐसे में उन्होंने अपने पार्टनर की मदद से दस लाख डॉलर का नकद निवेश कराया। मार्टिसन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जिस समय उन्होंने ये काम संभाला उस समय पाकिस्तान के बाजार में दस प्रतिशत की गिरावाट आई थी।
इस गिरावाट को सुधारने के लिए पाकिस्तान सरकार ने बाज़ार को थामने के लिए कुछ कोशिश की। सरकार ने विदेशों में बसे पाकिस्तानियों से अपने घर पैसे भेजने के लिए प्रोत्साहित करते हुए टैक्स भी माफ कर दिया था। सरकार का यह प्रयास चल पड़ा और तीन महीने में 50 मिलियन डॉलर का फंड इक्ठ्ठा किया गया।
मार्टिसन की इन्हीं कोशिशों का नतीजा साल 2017 में यानि इस साल आया। इस साल उन्हें लगा कि उन्होंने खुद को साबित कर दिया। एक जून 2017 को पाकिस्तान एमसीआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स में प्रवेश कर गया। यह इस बात का संकेत है कि अपने अस्तित्व से जूझती अर्थव्यवस्था में उम्मीद की लकीर चौड़ी हो रही है। निवेशकों ने पहले से ही अर्थव्यवस्था में पैसा डालना शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स 23 हाई ग्रोथ रेट वाली अर्थव्यवस्था भारत, चीन और ब्राजील से मिलकर बना है। इस इंडेक्स में पाकिस्तान इन दिनों बढ़िया प्रदर्शन कर रहा है। पिछले साल जनवरी महीने में केएसई में किया गया 100 डॉलर का निवेश अब 164 डॉलर हो गया है।
पाकिस्तान में इसी के चलते विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ रहा है और ये सब मार्टिसन की मेहरबानी है। ये पाकिस्तान में सब एक चमत्कार की तरह ही है क्योंकि पाकिस्तान पर इस तरह का भरोसा हर कोई नहीं दिखा सकता। ऐसे में मार्टिसन की मेहरबानी ने पाकिस्तान को उबार दिया।
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