Tuesday, August 22nd, 2017
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मायावती ने दिया इस्तीफा, दलित हिंसा पर बोलने नहीं दिया




Politics

Mayawati Resignation, Saharanpur Dalit Violence

यूपी के सहारनपुर में दलित हिंसा को लेकर अपनी बात जल्द खत्म करने का कहे जाने से नाराज BSP प्रमुख मायावती ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को सौंप दिया है. बताना चाहते हैं कि राज्यसभा में उपसभापति पी. जे. कुरियन ने मायावती को अपनी बात 3 मिनट में खत्म करने को कहा था. इस पर मायावती नाराज हो गई और कहा कि वह एक गंभीर मुद्दा उठा रही हैं, जिसके लिए उन्हें अधिक वक्त चाहिए.

मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया

मायावती ने कहा कि मैं शोषितों, मजदूरों, किसानों और खासकर दलितों के उत्‍पीड़न की बात सदन में रखना चाहती थी. सहारनपुर के शब्‍बीरपुर गांव में जो दलित उत्‍पीड़न हुआ है, मैं उसकी बात उठाना चाहती थी, लेकिन सत्ता पक्ष के सभी लोग एक साथ खड़े हो गए और मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया. BSP प्रमुख ने कहा कि मैं दलित समाज से आती हूं और जब मैं अपने समाज की बात नहीं रख सकती हूं, तो मेरे यहां होने से क्‍या लाभ है?

सदन में रहने का नैतिक अधिकार नहीं

मायावती ने आगे कहा कि सहारनपुर घटना केंद्र की साजिश थी. इसके बाद राज्यसभा में हंगामा होने लगा और मायावती ने उपसभापति को कहा कि आप मुझे बोलने नहीं देंगे तो मैं सदन से इस्तीफा दे देती हूं. कुरियन द्वारा रोकने पर भी उन्होंने यह भी कहा कि वह जिस समाज से संबंध रखती हैं, उस समाज से जुड़े मुद्दे उठाने से उन्हें कैसे रोका जा सकता है? उन्होंने कहा कि अगर मैं दलितों के खिलाफ हो रही ज्यादतियों को लेकर अपनी बात ही सदन में नहीं रख सकती तो मुझे इस सदन में बने रहने का नैतिक अधिकार भी नहीं है.

गुजरात के ऊना में दलितों पर अत्याचार हुआ

मायावती ने कहा कि दलितों और छोटे तबकों के लोगों पर लगातार अत्याचार हो रहा है. सहारनपुर में दलितों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न हुआ. गुजरात के ऊना में दलितों पर अत्याचार हुआ. मुझे शब्बीरपुर में हेलीकॉप्टर से जाने की इजाजत नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि मुझे सड़क के रास्ते जाना पड़ा. जब मैं गांव पहुंची तो DM और SP गायब थे. मैंने वहां कोई ऐसी बात नहीं कही जिससे समुदायों के बीच लड़ाई हो जाए. यूपी में अभी भी महाजंगलराज और महागुंडाराज है. हमें पीड़ितों की मदद के लिए भी प्रशासन से अनुमति लेना पड़ी.

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