एक लाख का इनाम जीत भिखारी बना ‘हीरो’
अक्सर हमारे आसपास कुछ एक लोग ऐसे होते हैं जो भीख मांग कर गुजारा करते हैं। वैसे कभी-कभी हम भी इन पर दया करके कुछ पैसे देते हैं। अब यदि आप से कोई कहे कि एक भिखारी जो कल तो अपना गुजारा करने के लिए औरों पर निर्भर था आज लाखों का मालिक है तो क्या आप मानेंगे? शायद आप इस पर यकीन न कर पाए। लेकिन एक ऐसा ही दिलचस्प वाकया गुजरात के मेहसाना में हुआ है। यहां के भिखारी ने एक लाख रुपए का इनाम जीता है। इसके साथ ही उसे समाज में सम्मान भी मिला है।
बता दें कि खिमजी प्रजापति नाम के यह भिखारी लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इसके साथ ही वह लोगों को अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। उनके इसी व्यवहार से प्रभावित होकर रोटरी क्लब ऑफ़ इंडिया ने उन्हें ‘लिट्रेसी हीरो’ अवॉर्ड के लिए चुना है। पुरस्कार के तौर पर उन्हें एक लाख रुपए की इनामी राशि से नवाज़ा जाएगा। इतना ही नहीं समाज में परोपकार के काम करने के लिए प्रजापति को एक प्रशंसापत्र भी दिया जाएगा।
लड़कियों को सोने के कुंडल देते हैं प्रजापति
भले ही प्रजापति की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है फिर भी वह लड़कियों को एजुकेशन के लिए प्रेरित करने के लिए सोने के कुंडल देते हैं। अब तक वह दस बच्चियों को सोने के कुंडल दे चुके हैं। प्रजापति की इस अनोखी समाजसेवा के लिए ही उनका नाम आसपास के इलाकों में काफ़ी मशहूर है। अपनी इस सेवा के लिए प्रजापति का कहना है कि, ”जब मैं किसी ज़रूरतमंद को कुछ दे पाता हूं, तब ज़्यादा खुश और संतुष्ट महसूस करता हूं।”
खुद को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने पर प्रतिक्रिया करते हुए प्रजापति बताते हैं, ”मैंने कभी अपने लिए ऐसे किसी सम्मान की उम्मीद नहीं की थी। मैं कभी किसी उम्मीद से कोई काम नहीं करता। मेरी इकलौती उम्मीद यह है कि बच्चे पढ़ें, युवा पीढ़ी ज़्यादा सशक्त बने और सब खुश रहें। इस उम्मीद को पूरा करने के लिए मैं गांवों में घूमता हूं और जरूरतमंद लोगों की तलाश करता हूं। अगर मुझे कोई जरूरतमंद मिलता है, तो मैं खुले हाथों से उसकी मदद करता हूं।”
बता दें कि रोटरी क्लब ने इस पुरस्कार के लिए ्रप्रजापति के अलावा तीन अन्य लोगों और एक संस्थान को भी चुना है। हालांकि जिन चार लोगों को इस सम्मान के लिए चुना गया है वे सभी जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं। सिर्फ़ प्रजापति ही अकेले पुरस्कार पाने वाले ऐसे शख़़्स हैं जिनके पास कोई संपत्ति नहीं है। ग़ौरतलब है कि प्रजापति का नाम फरवरी 2016 में सुर्खियों में आया था।
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