परमाणु बम के इतिहास को याद किया जाए तो हम सभी के जेहन में एक घटना आज भी याद है, हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए ब्लास्ट की। इस ब्लास्ट के बाद से बम की क्षमता से देश की क्षमता को आंका जाने लगा। हाल ही में अमेरिका ने ईस्टर्न अफगानिस्तान में ताकतवर बम गिराया है, इसके बाद देश भर में अमेरिका की शक्ति की चर्चा चल रही है। पर क्या आप सभी जानते है, अमेरिका और रुस कि ही तरह भारत के पास भी एक ऐसा बम है, हालांकि यह परमाणु हथियार नहीं है, पर उसकी शक्ति मोआब कि ही तरह है। ऐसी ही इंटरेस्टिंग बमों से जुड़ी जानकारी आपको बताते हैं-
अमेरिका का मोआब(जीबीयू-43)
मदर ऑफ ऑल बम के नाम से फेमस बम मोआब बम इन दिनों खास चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बम का वजन 10 हजार किलो, लंबाई 30 फीट और 3 फुट 4 इंच इसकी मोटाई है। यह बम अमेरिका का सबसे बड़ा गैर- परमाणु बम है। इसे अमेरिका की वायु सेना अनुसंधान प्रयोगशाला के अल्बर्ट एल वीमॉर्ट्स जूनियर ने अमेरिकी वायु सेना के लिए विकसित किया था। इसका पहला सफल परिक्षण 2003 में फ्लोरिडा के एयर बेस से किया गया था। जिसे हाल ही में अमेरिका ने ईस्टर्न अफगानिस्तान पर गिराया है।
मोआब बम के असर
बमों की दुनिया में मदर माने जाने वाला शक्तिशाली बम है मोआब। इसकी शक्ति की कल्पना कर पाना भी कठिन है। बम का असर इतना तेज होता है कि जिस जगह इसे फेंका जाता है,वहां विस्फोट के बाद बस गहरी खाई नजर आती है, और इसके संपर्क में आने वाले प्राणी, जीव, जन्तु,पर्यावरण सभी वेपोरेट हो जाते है, यानी की भाप बन जाते है, इसलिए इसे नॉन न्यूक्यिर वेपन भी कहते हैं। यह बम सबसे बड़े क्षेत्र में सबसे ज्यादा तबाही मचाता है। बम की कीमत करीब 16 मिलियन डॉलर है।
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