Thursday, August 31st, 2017
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मोदी सरकार ने मंजूर किए एक लाख करोड़ रूपए, ऐसे मिलेगा फायदा




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naredra modi with poor family

मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने वाले है और अब सिर्फ दो साल ही रहे हैं प्रधानमंत्री के चुनाव होने में, ऐसे में मोदी सरकार हर वो कोशिश कर रही है जिससे वो अपने वादे पूरे कर सके। मोदी सरकार की एक बड़ी योजना है ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ जिसका मकसद है हर गरीब के पास अपना घर होना। इस योजना के लिए मोदी सरकार ने हाल ही में एक लाख करोड़ रूपए मंजूर किए है।

सरकार ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना -शहरी के अंतर्गत गरीब लोगों के लिए एक लाख करोड़ रुपए के निवेश से 2151 नगरों और कस्बों में 18.75 लाख मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गयी है। इनमें से छह लाख 89 हजार 829 मकानों का निर्माण शुरू हो गया है जबकि एक लाख 396 मकान पूरी तरह से बन चुके हैं।

केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अब तक कुल मिलाकर 1,00,466 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी गई है। यह शहरी क्षेत्रों में सस्ते मकानों के लिए वर्ष 2004 से लेकर वर्ष 2014 तक मंजूर किये गये 32 हजार 713 करोड़ रुपये के निवेश से 307 प्रतिशत ज्यादा है।

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सरकार ने अब तक 34 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में 2151 शहरों एवं कस्घ्बों में प्रधानमंत्री आवास योजना -शहरी के तहत आर्थिक दृष्टि से कमजोर तबकों के लिए 18 लाख 75 हजार 389 मकानों के निर्माण को मंजूरी दी है। वर्ष 2004-2015 अवधि के दौरान 32 हजार 009 करोड़ रुपये के स्वीकृत निवेश के साथ 13.80 लाख मकानों को मंजूरी मिली थी।

केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि सरकार ने शहरी गरीबों को आवास देने में तीन वर्ष में पिछले 10 वर्षों से अधिक मंजूरियां दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने पिछले तीन वर्षों में शहरी गरीब लोगों की आवास जरूरतों को पूरा करने के लिए पिछले 10 वर्षों में किए गए कार्यों से अधिक कार्य किया है।

आंकड़ों के अनुसार कुल दो लाख 66 हजार 842 मकानों की स्वीकृति के साथ मध्य प्रदेश 18 हजार 283 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी के तहत दी गई मंजूरियों के मामले में प्रथम स्थान पर है। तमिलनाडु 9,112 करोड़ रुपये की परियोजना लागत वाले दो लाख 52 हजार 532 मकानों के साथ दूसरे स्थान पर है।

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इनके अलावा आंध्र प्रदेश में 10 हजार 697 करोड़ रुपए से एक लाख 95 हजार 47 मकान, गुजरात में 9772 करोड़ रुपए से एक लाख 48 हजार 948 मकान , कर्नाटक में 6288 करोड़ रुपए से एक लाख 46 हजार 548 मकान, पश्चिम बंगाल में 5870 करोड़ रुपए से एक लाख 44 हजार 369 मकान, महाराष्ट्र में 13 हजार 458 करोड़ रुपए से एक लाख 26 हजार 81 मकान , बिहार में 3909 करोड़ रुपए से 88 हजार 293 मकान, तेलंगाना में 4998 करोड़ रुपए से 82 हजार 985 मकान, झारखंड में 2423 करोड़ रुपए से 64 हजार 894 मकान, ओडिशा में 2108 करोड़ रुपए से 48 हजार 855 मकान, त्रिपुरा में 1264 करोड़ रुपए से 45 हजार 908 मकान, पंजाब में 1199 करोड़ रुपए से 42 हजार 681 मकान बनाए जाएंगे।

राजस्थान में 2646 करोड़ रुपए से 37 हजार 856 मकान, छत्तीसगढ़ में 2962 करोड़ रुपए से 34 हजार 973 मकान, केरल में 963 करोड़ रुपए से 28 हजार 918 मकान, असम में 801 करोड़ रुपए से 26 हजार 742 मकान, उत्तर प्रदेश में 1056 करोड़ रुपए से 20 हजार 682 मकान, मणिपुर में 414 करोड रुपए से 15 हजार 979 मकान, नगालैंड में 335 करोड रुपए से 13 हजार 560 मकान, मिजोरम में 219 करोड़ रुपए से 10 हजार 459 मकान, उत्तराखंड में 510 करोड़ रुपए से 7,904 मकान, जम्मू-कश्मीर में 292 करोड़ रुपए से 6,243 मकान, हिमाचल प्रदेश में 222 करोड़ रुपए से 4,890 मकान और हरियाणा में 338 करोड़ रुपए से 4,299 मकान बनाए जाएंगे।

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