सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत नहीं होंगे सार्वजनिक
- - Advertisement - -
मोदी सरकार ने एक बड़ा फ़ैसला किया है। सरकार ने तय किया है कि वह सर्जिकल स्ट्राइक के सबूतों को सार्वजनिक नहीं करेगी। सरकार का मानना है कि सबूत सामने आने से पाकिस्तानी सेना की मुश्किलें बढ़ सकती है और फिलहाल मोदी सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है। एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार कुछ सरकारी सूत्रों ने कहा है कि ’इस वक्त भारत युद्ध करने के समर्थन में नहीं है लेकिन अगर फिर भी युद्ध के हालात बनते हैं तो भारत लड़ने और जीतने के लिए तैयार है। सरकारी सूत्र ने यह भी कहा कि भारत को सर्जिकल स्ट्राइक पर कूटनीतिक समर्थन भी मिला क्योंकि किसी भी देश ने भारत के इस कदम का विरोध नहीं किया। पाकिस्तान के सबसे करीबी माने जाने वाले चीन ने भी इस मामले पर कोई विरोध दर्ज नहीं किया है। इतना ही नहीं बहुत से इस्लामिक देशों की तरफ से आने वाले बयान भी भारत के समर्थन में थे।
ग़ौरतलब है कि 28-29 सितंबर की रात को पैराकमांडोज ने पीओके में घुसकर आतंकियों के लॉन्च पैड्स को निशाना बनाया था। इस कार्रवाई में तकरीबन 38 आतंकी मारे गए थे। भारतीय सेना के इस ऑपरेशन के बाद से देश में विपक्ष ने राजनीति करना शुरू कर दिया था। जहां एक ओर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने इसे फर्जी बताया तो वहीं दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत की मांग की। वैसे सेना ने तो मोदी सरकार को सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो सौंप दिया था लेकिन अब मोदी सरकार ने तय किया है कि वह इस ऑपरेशन से संबंधित कोई भी सबूत सार्वजनिक नहीं करेगी। सूत्रों के अनुसार सरकार इस ऑपरेशन पर हो रही राजनीति में नहीं पड़ना चाहती। सरकार का मानना है कि इस मसले पर हो रही राजनीति के कारण उसको लाइन ऑफ कंट्रोल के पार सेना के ऑपरेशन के किसी को कोई सबूत देने की जरूरत नहीं है। सरकार के अनुसार, डीजीएमओ के बयान पर भरोसा किया जाना चाहिए।
- - Advertisement - -
- - Advertisement - -