अमेरिका के एक शीर्ष थिंक टैंक का कहना है कि पिछले सप्ताह बिहार की राजनीति में जिस प्रकार से BJP ने अपना वर्चस्व वापस स्थापित किया है और सत्ता पर अपनी मजबूत पकड़ बनाई है, उससे पीएम नरेंद्र मोदी ने BJP के स्वर्ण काल का प्रारंभ किया है। ‘कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस ’ में दक्षिण एशिया कार्यक्रम के निदेशक एवं वरिष्ठ फेलो मिलान वैष्णव ने एक संपादकीय में बताया कि ताजा उथल-पुथल इस बात का संकेत है कि नेहरू-गांधी परिवार की कांग्रेस पार्टी द्वारा लंबे समय से नियंत्रित देश में अब BJP राजनीति का नया केंद्र है।
मोदी की आकांक्षा से भरी अपील युवाओं में उत्साह भरती है
संपादकीय में कहा गया है कि 2019 में देश में होने वाले चुनावों के लिए BJP न केवल एक बड़ी पार्टी है, बल्कि वह शक्तिशाली राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में भी ‘बेहद तेज गति’ से आगे बढ़ रही है। उन्होंने लिखा कि हालांकि BJP सरकार के लगातार मजबूत होने से नीतिगत स्थिरता एवं राजनीतिक मजबूती के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही भारत में लोकतांत्रिक संतुलन को लेकर भी चिंताएं पैदा हो रही है। वैष्णव ने कहा कि उनकी व्यापार-अनुकूल नीतियां, राष्ट्रवादी बयानबाजी और उनकी आकांक्षा से भरी अपील युवाओं में उत्साह भरती है और इसके जरिए मोदी अपनी पार्टी को ऐतिहासिक चुनावी जीत की ओर ले गए हैं।
सत्ता के इस केन्द्रीकरण के नकारात्मक पहलू भी
उन्होंने आगे कहा कि 3 दशक में बहुमत हासिल करने वाली पहली पार्टी बनाकर मोदी ने BJP के लिए गोल्डन टाइम का प्रारंभ कर दिया है। इस बात का उल्लेख करते हुए कि BJP की गति ने पार्टी के लिए ‘‘अभूतपूर्व अवसरों’’ के द्वार खोल दिए हैं, उन्होंने लिखा कि इस क्रम में बिहार के जुड जाने से राज्यसभा में BJP जल्द ही बहुमत में आ जाएगी और यह काम 2018 के अंत तक हो सकता है। उन्होंने आगे लिखा कि दोनों सदनों में नियंत्रण होने के साथ BJP अपने विधायी एजेंडे को कुछ मुश्किलों के साथ ही सही, पर आगे बढ़ा सकेगी। इसके साथ ही उन्होंने इस बात को लेकर चिंता भी जाहिर की कि सत्ता के इस केन्द्रीकरण के नकारात्मक पहलू भी हैं।