पीएम नरेन्द्र मोदी ने “जन-धन, वन-धन और जल-धन” के नए उद्घोष के साथ 2022 तक नए भारत की तस्वीर आज पेश की तथा BJP कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे अपना पुरुषार्थ जाग्रत करें और बहुत तेज़ी से ‘लंबी छलांग लगाकर इतिहास रचें।’ मोदी ने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिनों से चल रही बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी का उद्देश्य केवल सत्ता परिवर्तन नहीं है। बल्कि वह समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े गरीब, शोषित और वंचित तबके के लोगों की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने काे प्रतिबद्ध है और इसके लिये जरूरी है कि जन-धन, वन-धन और जल-धन के माध्यम से उनके सामाजिक आर्थिक सशक्तीकरण पर ध्यान केन्द्रित किया जाए।
उन्होंने आगे कहा कि आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के मद्देनज़र जन-धन योजना के तहत 28 करोड़ लोगों ने बैंकों में अपने खाते खोले गए हैं और उनमें 66 करोड रुपये से अधिक की राशि जमा हुई है। इसी प्रकार से GST कानून बनने से देश के व्यापार के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आयेगा और इस आर्थिक परिवर्तन का लाभ आम लोगों को मिलेगा। मोदी ने इसके बाद कहा कि केंद्र सरकार के सत्ता में आने के दौरान सरकार का राजस्व 13 लाख करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर लगभग 20 लाख करोड़ रुपये हो गया है। 5 वर्ष के कार्यकाल के पूरा होते- होते इस राशि के दोगुनी हो जाने की उम्मीद है।
जन-धन से 2022 तक विश्व में अग्रणी आर्थिक शक्ति बनना
उन्होंने कहा कि जन-धन योजना से गरीबों का विकास होगा, तथा शोषण और आर्थिक विषमता से उन्हें मुक्ति मिलेगी। सरकार ने पी-2 यानी प्रो-पीपुल और जी-2 गुड गवर्नेंस का भी संकल्प लिया है, जिसका उद्देश्य सुशासन से गरीबों शोषितों और वंचितों का सामाजिक आर्थिक परिवर्तन है। इसका उद्देश्य 2022 तक विश्व में अग्रणी आर्थिक शक्ति बनना भी है। इसके लिये अपने पुरुषार्थ को जगा कर मिशन-मोड़ में बहुत तेज़ी से काम करना होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे लंबी छलांग लगायें और इतिहास रचें।
वन-धन से पर्यावरण की सुरक्षा
पीएम ने कहा कि वन-धन का उद्देश्य आदिवासियों की आर्थिक व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन लाना, आर्थिक बदलाव लाना और पर्यावरण का संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों को समाज की मूल धारा में शामिल करना चाहती है और इससे पर्यावरण की सुरक्षा भी की जा सकती है।
जल-धन से लोगों में सम्पन्नता
उन्होंने कहा कि जल-धन योजना का उद्देश्य जल के प्राकृतिक संसाधनों को बचाना और इसका कृषि तथा अन्य उद्देश्यों के लिए अधिकतम उपयोग करना है। किसानों को सिंचाई की पर्याप्त सुविधा मिल सके इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत की है। इसके लिए 85 हजार करोड़ रूपये अलॉट किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्षा जल की बर्बादी रोक दी जाती है और सिंचाई सुविधाओं का विकास किया जाता है, तो इससे न केवल किसानों की आत्महत्याएं रूकेगी, बल्कि लोगों में सम्पन्नता भी आएगी।
मुस्लिम समाज में संघर्ष पैदा किये बगैर, मुस्लिम बहनों को भी शोषण से उबारकर न्याय मिले
संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री के वक्तव्य की जानकारी दे रहे पथ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से जब यह पूछा गया कि कार्यकारिणी की बैठक के दौरान राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव को लेकर कोई चर्चा की गई, तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया। उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं, लेकिन इस गति को और तेज किए जाने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि अब पुरूषार्थ को जगाने की जरूरत है। श्री गडकरी ने बैठक के दौरान तीन तलाक के मुद्दे पर चर्चा को लेकर सवाल किए जाने पर कहा कि सामाजिक न्याय की बात की जाती है तो उसमें मुस्लिम बहनों को भी न्याय मिलना चाहिए और उन्हें शोषण से बचाया जाना चाहिए। अन्याय से तनाव बढ़ता है और कुप्रथा से न्याय नहीं मिल पाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम मुस्लिम समाज में संघर्ष नहीं पैदा करना चाहते हैं लेकिन समाज काे जगाकर उसे बुराई से मुक्त करना चाहते हैं।
चार पीढ़ियों की कुर्बानी के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ उद्देश्य नए भारत का निर्माण
उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि मोदी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि चुनावों में जीत से उन्मादित होने की जरूरत नहीं है। बल्कि इसके लिए नम्रता बेहद जरूरी है। ओर सरकार इसी रास्ते पर चल रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मिली भारी जीत के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की कुशल रणनीति को श्रेय देते हुए उनका अभिनंदन किया। श्री मोदी ने कहा कि अंत्योदय उनकी पार्टी की सामाजिक आर्थिक चिंतन का आधार है। उन्होंने कहा कि एक समय भाजपा सबसे अधिक पराजित होने वाली पार्टी बन कर रह गई थी, लेकिन चार पीढ़ियों की कुर्बानी के बाद वह सत्ता के शीर्ष तक पहुंची है। और उसका उद्देश्य केवल सत्ता परिवर्तन नहीं है, बल्कि नये भारत का निर्माण है।