कश्मीर में पैदा और वहीं के खिलाफ जरगर
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाक के बीच तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा। श्रीनगर से 12 किमी दूर स्थित जकुरा में शुक्रवार को सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी की टीम पर आतंकी हमला हुआ। इस आतंकी हमले को मुश्ताक अहम जरगर नामक आतंकी ने अंजाम दिया है। जरगर वही आतंकी है जिसे वर्ष 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 के बदले रिहा किया गया था।
आतंकी के इस हमले से एक जवान शहीद हो गया जबकि 6 जवान घायल हो गए। पिछले 27 दिनों में यह छटा हमला है शुरूआती जांच के अनुसार जब सशस्त्र सीमा बल एसएसबी की टीम सीआरपीएफ कैंप के पास से गुजर रही थी, तभी जकूरा में हमला हुआ। इससे पहले इसी हफ्ते जम्मू कश्मीर के पंपोर में सुरक्षा बलों और एंटरप्रेन्योर डिवेलपमेंट इंस्टीट्यूट (ईडीआई) इमारत में छुपे आतंकियों के बीच मुठभेड़ 60 घंटे तक चली। इसमें दो आतंकी मारे गए। 60 घंटे तक चले अभियान में यह बहुमंजिली इमारत खंडहर में तब्दील हो गई थी, क्योंकि इसकी अधिकतर दीवारें गिर चुकी थीं।
जकुरा के बारे में लोगों को शायद कम पता है। यह जगह हजरतबल विधानसभा क्षेत्र के तहत आती है और गांदरबल के साथ श्रीनगर के म्यूनिसिपल बोर्ड से भी जुड़ा हुई है। जकुरा में घाटी का टॉप मेडिकल कॉलेज असाइन मेडिकल कॉलेज है। इसके अलावा यहीं पर भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर भी मौजूद है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह जगह देश के लिए और घाटी के लिए कितनी अहम है। कश्मीर का ही आतंकी जरगर इस बात से वाकिफ है और शायद उसने अपने खतरनाक मंसूबों को पूरा करने की ओर एक कदम बढ़ा दिया है।
कौन है मुश्ताक अहम जरगर
मुश्ताक अहमद जरगर का जन्म कश्मीर घाटी के श्रीनगर में स्थित नौहट्टा में वर्ष 1967 हुआ था। वर्ष 1984 में जरगर आतंकवाद की ओर मुड़ गया और वर्ष 1988 में जरगर पाकिस्तान चला गया। वर्ष 1989 में जरगर भारत वापस आया और अल-उमर मुजाहिदीन (एयूएम) आतंकी संगठन की शुरुआत की। 1989 को जरगर ने नव नियुक्त गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबीया सईद का अपहरण किया। 1999 को जरगर को आईसी 814 फ्लाइट के बंधकों की रिहाई के बदले छोड़ दिया गया। यहां से जरगर पाकिस्तान गया और फिर एलओसी के पास पीओके आ पहुंचा। मुजफ्फराबाद में जरगर आज कई आतंकी कैंप्स चलाता है। वह कश्मीर में गुरिल्ला वॉर शुरू करने के लिए युवाओं की भर्ती करता है और उन्हें ट्रेनिंग देता है। जरगर अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं के जाने का श्रेय खुद लेता है। वर्ष 2002 में खबर आई कि पाकिस्तान अथॉरिटीज ने जरगर को गिरफ्तार कर लिया है। वर्ष 2007 में यह खबर भी आई कि जरगर बिना किसी रोक-टोक के मुजफ्फराबाद में रह रहा है।