गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल और फेसबुक जैसी कंपनियों में काम करना सपने जैसा है बल्कि यह हर इंजीनियर का सपना होता है। अमेरिकन स्टूडेंट्स इन कंपनियों में काम करने को ही आदर्श वर्कप्लेस मानते हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सामने आया कि अमेरिका में जहां 52 लाख रूपये की नौकरी मिल रही हैं स्टूडेंट्स तब भी वहां जाना पसंद नहीं करते हैं क्योंकि उन्हें सिलीकौन वेली में ही काम करना है। कहते है ना कुछ भीड़ से अलग होकर करना चाहिए ऐसा उदाहरण हम सभी के सामने हैं नगा कटारू। नगा कटारू की कहानी सुनकर आप हैरान रह जाओगें।
नागा कटारू आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले के रहने वाले हैं। करीब 8 साल से गूगल में नौकरी कर रहे थे उसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। इसकी वजह वो खेती करना चाहते थे। इससे पहले उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में भी काम किया, कुछ समय तक एड और डाक्यूमेंट्रीज भी बनाई लेकिन यहां भी मन नहीं लगा। फिर कटारू ने खेती करना ही सही समझा।
नागा ने कैलिफोर्निया में ही 320 एकड़ का फार्म किराए पर लिया और बादाम और खुबानी की खेती करने लगे, उसके बाद उन्होंने वही जमीन को खरीद लिया। आज कटारू की गिनती अमेरिका के बड़े किसानों में होती है। नागा आज सिर्फ खेती से हर साल 18 करोड़ का टर्नओवर करते है। कटारू तकनीकी के अच्छे जानकार है बस यही है कि उन्होंने अपने फर्म में तकनीकी का सबसे ज्यादा प्रयोग किया। कटारू का सपना है कि वह भारत में भी इस तरह की एडवांस खेती करें ताकि खेती करने के तरीके में बदलाव हो सके।
3 पेटेंट है नागा कटारू के नाम
नागा कटारू ने गूगल में 8 साल तक इंजीनियर के रूप में काम किया। इस दौरान नागा को गूगल अलर्ट ( google alert) का आइडिया आया उन्होंने इसे ऑफिस अपने सीनियर से शेयरकिया पर रिजेक्ट कर दिया गया। नागा को अपने इस आइडिया पर भरोसा था। इसके बाद वह गूगल के फाउंडर्स लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन को बताया उन्हें यह आइडिया पसंद आया। इस आइडिया पर काम किया और 2003 में गूगल ने ये सेवा दुनियाभर में लांच कर दी। आज नागा कटारू के नाम 3 पेटेंट हैं।