50 दिन का ऑपरेशन पूरा हुआ, प्रधानमंत्री द्वारा मरहम लगाने की कोशिश भर
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8 नवंबर को पीएम मोदी ने देश में नोटबंदी का एलान किया था, उन्होंने कहा था कि 50 दिनों बाद सब नॉर्मल हो जाएगा। अब 50 दिन पूरे हो चुके है और नोटबंदी के बाद पीएम मोदी आपके सामने है। नए साल की शुरूआत के कुछ घंटे पहले ही पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन शुरू किया।
जिस वजह से पचास दिन का ये ऑपरेशन किया गया था उसकी सफलता या विफलता के बारे में कोई चर्चा या एक्शन प्लान नहीं बताया गया। दूसरा राजनीतिक दलों, उनके चुनाव और उनकी ट्रान्सपैरेंसी को लेकर सार्थक बहस का आश्वासन तो दिया गया किन्तु उस पर भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। कुल मिलाकर आगामी चुनावा वर्ष को मद्देनज़र रखते हुए आम जनता, मध्यमवर्ग के लिए पचास दिन के ऑपरेशन के दौरान जो घाव का दर्द उन्होंने भुगता था उस पर महरम भर लगाने की कोशिश की गई।
पीएम मोदी ने नए साल के पहले जनता को संबोधित करते हुए कहा कि नए संकल्प, नई उमंग, नए जोश को लेकर नए साल का स्वागत करेंगे। दीवाली के तुरंत बाद हमारा देश ऐतिहासिक शुद्धि यज्ञ का गवाह बना है। ये आने वाले अनेक वर्षो तक यह देश की दिशा निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाएगा।
जाली नोटों के जाल ने ईमानदारों को भी घुटने टेकने को मजबूर कर दिया था। उसे मजबूरन सब स्वीकार करना पड़ता था। दीवाली की बाद की घटना से ये सिद्ध हो चुका है कि करोड़ो देशवासी इस अवसर की तलाश कर रहे थे। ये घटना हर किसी को नए सिरे से सोचने को मजबूर करती है।
सवा सौ करोड़ देशवासियों ने कष्ट झेलकर ये सि़द्ध कर दिया है कि हर हिंदुस्तानी के लिए सच्चाई कितनी अहमियत रखती है। देशवासियों ने जो कष्ट झेला है वो नागरिकों के पराक्राम का सबूत है। उन्होंने अपने उज्जवल भविष्य की आधारशिला रखी है। जब आंदोलन होते है तो सरकार और जनता आमने सामने होती है लेकिन इस लड़ाई में सरकार और जनता कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है।
मै जानता हूं कि आपको अपने पैसे निकालने के लिए खड़ा रहना पड़ा। मुझे कई चिठ्ठियां भी मिली है। अपना दर्द भी लोगों ने मुझसे साझा किया है। इसमें मैने एक बात अनुभव किया आपने मुझे अपना मानकर मुझसे बातें की है। आप इस भ्रष्टाचार की लड़ाई में एक कदम भी पीछे नहीं रहना चाहते है।
नववर्ष में हो सके जितना बैंकों को सामान्य सिथति की ओर ले जाया जाए। बैंकिंग व्यवस्था को सामान्य करने पर ध्यान दिया जाए। विशेषकर ग्रामीण इलाके में, दूरदराज इलाकों में हर कमी को दूर किया जाए। गांव के लोगों की किसानों की हर कठिनाइयां दूर हो।
हिंदुस्तान में जो करके दिखाया हो ऐसा विश्व में करने के लिए कोई उदाहरण नहीं है। बीते वर्षो में नोट सामान्य प्रचलन में कम पैरेलल इकोनॉमी में ज्यादा चल रहे थे। हमारी समकक्ष अर्थव्यवस्था में इतना कैश नहीं है जितना हमारे यहां हैं पहाड़ के पहाड़ हो गए। बड़े हुए नोट महंगाई बड़ा रहे थे कालाबाजारी बड़ा रहे थे देश के गरीब से उसका अधिकार छिन रहे थे देश में कैश का प्रभाव और अधिक तकलीफदेह होता है।
हमारा प्रयास है कि इसका संतुलन बना रहे। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कैश अगर अर्थव्यवस्था की धारा में हो तो विकास का कारण बनता है। अगर आज लालबहादुर शास्त्री होते, जेपी नारायण होते तो अवश्य देशवासियों को भरपूर आर्शीवाद देते। किसी भी देश के लिए ेये शुभ संकेत है कि लोग कानून का पालन करते हुए मुख्य धारा में वापस आना चाहते है।
पीएम मोदी ने नए साल के पहले संबोधित करते हुए आम जनता को ये नई सौगात दी।
घर के लिए कम ब्याज पर लोन
लाखों गरीबो के पास अपना घर नहीं है कालेधन की बढत से गरीब घर नहीं खरीद पाता था। घर खरीद सके इसके लिए सरकार ने कुछ बड़े फैसले लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शहरों में इस वर्ग को नए घर देने के लिए दो नई स्कीमे बनाई गई है। इसके तहत घर बनाने के लिए नौ लाख रूपए के कर्ज पर ब्याज पर चार प्रतिशत की छूट और 12 लाख पर 3 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
गांवों में बनने वाले घरों की संख्चया को बड़ा दिया। 33 ्रपतिशत ज्यादा घर बनाए जाएंगे। नई योजना शुरू करने जा रहे है। 2017 में गांव में रहने वाले लोग अपने घर का निर्माण करना चाहते है या विस्तार करना चाहते है उन्हें दो लाख रूपए के लोन में 3 प्रतिशत ब्याज की छूट दी जाएगा।
किसानों के लिए
देश के किसानों ने नोटबंदी में करारा जवाब दिया है। इस साल रफी की बुवाई में 6 प्रशितत ज्यादा फर्टिलाइजर में 9 प्रतिशत बढ़ावा। किसानों का ध्यान रखा गया है। जिन किसानों ने खरीफ और रबी की बुआई के लिए कर्ज लिया था उस कर्ज पर साठ दिन का ब्याज सरकार उठाएगी और किसानों के खातों में डालेगी।
इससे भी ज्यादा लोन मिल सके इसके लिए उपाय किए गए है। नाबार्ड कम ब्याज पर बैंको को पैसा देगा जो किसानों को लोन देने के काम आएगा। तीन करोड़ किसान केडिट कार्ड को रूपे में बदला जाएगा। इसके लिए पहले बैंक जाना पड़ता था रूपे कार्ड में बदलने से वो कहीं पर भी अपने कार्ड से खरीद बिक्री कर पाएगा।
छोटे कारोबारियों के लिए
सरकार ने तय किया है कि छोटे कारोबारियों को लिए क्रेडिट गारंटी एक करोड़ रूपए से बढ़ाकर दो करोड़ रूपए करेगा। सरकार बैंको को गारंटी देती है। अब तक यह नियम था कि एक करोड़ रूपए तक का लोन कवर किया जाता था अब दो करोड़ का होगा। छोटो उधागों को ज्यादा कर्ज मिलेगा। सरकार ने बैंको को यह भी कहा है कि छेटो उधोगों के लिए केश क्रेडिट लिमिट को 20 से बढाकर 30 प्रतिशत करे।
गर्भवती महिलओं के लिए
देश के सभी 650 से ज्यादा जिलो में सरकार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में पंजीकरण और डिलीवरी और पौष्टिक आहार के लिए 6000 रूपए की आर्थिक मदद करेगी। ये उनके अकाउंट में जमा कर दी जाएगा। देश में माता मृत्यु दर को कम करने से इस योजना से बड़ी सहायता मिलेगी। वर्तमान में 4000 रूपए मिलते है।
सीनियर सीटिजन
सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक स्कीम शुरू करने जा रही हैं बैंक में ज्यादा पैसा आने पर अफसर बैंक डिपॉजिट पर बैंक इंट्रेस्ट रेट घटा देते है। इन पर कोई प्रभाव न हो साढ़े सात लाख रूपए पर दस साल तक 8 प्रतिशत ब्याज सुनिश्चित किया जाएगा। ये राशि उन्हें हर महीने प्राप्त होगी।
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद से देश में कई सारे बदलाव देखने को मिले देश कैशलेस इकोनॉमी की ओर जा रहा है ऐसे में देश में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों का इंटरनेट और मोबाइल से जुड़ना जरूरी है लेकिन इसी का अभाव देखते हुए पीएम मोदी ने 30 दिसंबर को ‘भीम’ एप लॉन्च किया जो अनपढ़ लोगों को भी डिजिटल ट्रांजैक्शन करने की सुविधा देगा।
भीम एप के आने से हो सकता है काफी सारे ई-वॉलेट एप का मार्केट खत्म हो जाएगा क्योकि इसमें आपकी सारी डिटेल सिक्योर होगी और कोई सर्विस चार्जेस भी नहीं होंगे इसके साथ ही यह बिना इंटरनेट के भी चलाया जा सकेगा। ऐसे मे ज़्यादा से ज़्यादा लोग इसका उपयोग करने के लिए राजी होंगे।
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