नासा ने शामिल की 13वीं राशि, जाने क्या है पूरा सच
आमतौर पर हम जानते है कि 12 राशियां होती हैं। ज्योतिष शास्त्र की गणना भी 12 राशियों से ही की जाती हैं। लेकिन अगर हम आपको कहे कि 13 राशि होती है तो आप शायद इसे मज़ाक समझे। लेकिन बेबीलोन सभ्यता के मुताबिक 13 राशियां मौजूद हैं। इस तेरहवी राशि को ऑमहिकस कहा जाता है और ये वृश्चिक और धनु के बीच मौजूद रहती हैं। बहुत से लोग इसे अफवाह कहते है जबकि बहुत से लोग इसे सच मानते है। नासा ने भी इसे लेकर बड़ा खुलासा किया है जो इसके सच के बारें में बताता है।
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर भी इस अफवाह को फैलाया गया था कि नासा जल्द ही नई राशि को सम्मिलित करने वाला है। जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया। लेकिन नासा ने इस बात से इनकार कर दिया कि वह किसी भी नई राशि को सम्मिलित नहीं कर रहा है। नासा ने इसे अफवाह बताया। नासा ने अपनी एक वेबसाइट ‘स्पेसप्लेस.कॉम’ पर जारी बयान में इस राशि से जुड़ी कई अहम् जानकारियां भी साझा की हैं।
नासा के मुताबिक ये सच है कि ब्रह्माण्ड के फैलाव का असर राशियों पर भी पड़ रहा है और आने वाले समय में इस राशि का इस्तेमाल किया जाना ज़रूरी हो जाएगा इस बात से भी पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि नासा ने फिलहाल निकट समय में ऐसे किसी भी फैसले से इनकार किया है।
खगोल विज्ञान को मान्यता देता है नासा
नासा ने जो बयान जारी किया है उसमें ये भी स्पष्ट किया है कि उसके अध्ययन का क्षेत्र हमेशा से ही खगोल विज्ञान रहा है न कि ज्योतिष शास्त्र। बेबीलोन सभ्यता के वक़्त करीब 3000 साल पहले धरती जिस एंगल पर घूम रही थी और उस सभ्यता को आसमान में कौन से तारे दिखाई देते थे वो आज पूरी तरह बदल चुके हैं। ऐसे में तब की गई गणनाओं के आधार पर आज इंसान के जीवन पर क्या असर पड़ेगा इस पर नासा का कोई भरोसा नहीं है। नासा सिर्फ खगोल विज्ञान के एक चरण की तरह ही ज्योतिष शास्त्र को मान्यता देती है।