अब सिनेमा हॉल में फ़िल्म से पहले राष्ट्रगान दिखाया जाएगा
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जी हां अब देशभर के तमाम सिनेमाघरों में फ़िल्म दिखाने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा। दरअसल, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के सभी सिनेमाघरों को फ़िल्म शुरू करने से पहले राष्ट्रगान बजाने का निर्देश दिया है। राष्ट्रगान बजाने के साथ ही स्क्रीन पर तिरंगा दिखाया जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि राष्ट्रगान बजने पर सिनेमाघरों में मौजूद सभी लोगों को खड़े होकर इसका सम्मान करना चाहिए। बता दें कि कोर्ट ने ये निर्देश एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद दिए है। इस जनहित याचिका को श्याम नारायण चौकसे की ओर से दायर किया था। याचिका के ज़रिए चौकसे ने मांग की राष्ट्रगान को सरकारी समारोहों और कार्यक्रमों में गाने के बारे में उचित नियम और प्रोटोकॉल तय होने चाहिए। बहरहाल इस मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।
राष्ट्रगान का न हो व्यावसायिक इस्तेमाल
अपना आदेश सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रगान का कमर्शल फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि राष्ट्रगान को आपत्तिजनक चीजों पर प्रिंट नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रगान का संक्षिप्त रूप नहीं बजाया जा सकता, राष्ट्रगान का फुल वर्जन ही बजेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह शर्त भी तय की है कि राष्ट्रगान के समय सिनेमाहॉल के दरवाजे बंद रखे जाएंगे। अपना फ़ैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा “आज कल लोग ये नहीं जानते कि कैसे राष्ट्रगान गाया जाता है। लोगों को लाज़मी तौर पर इसकी शिक्षा देनी चाहिए। हमें राष्ट्रगान का सम्मान करना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले भी भारत के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाया जाता था। जब चीन ने वर्ष 1962 में भारत पर हमला किया था उस समय सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजाने की शुरुआत हुई। ऐसा सैनिकों के सम्मान और लोगों में राष्ट्रप्रेम की भावना जगाने के लिए होता था। हालांकि, बाद में शिकायतें हुईं कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान का अपमान होता है इसके बाद करीब 40 साल पहले सरकार ने इसे बंद करवा दिया था।
महाराष्ट्र में बन चुका है कानून
साल 2002 में महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐसा ही कानून लागू किया था। जिसके तहत सिनेमा हॉल में फ़िल्म से पहले राष्ट्रगान बजाना और इस दौरान लोगों का खड़े रहना जरूरी किया गया था।
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