पहली बार नहीं हुआ सर्जिकल स्ट्राइक
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था। तब से ही सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति पर बवाल मचा हुआ है। हाल ही में मोदी सरकार ने ख़ुलासा किया कि सेना ने पहले भी सर्जिकल ऑपरेशन किए हैं। अब विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति की बैठक में बताया कि सबसे बड़ा अंतर ये है कि पहले कभी हुए ऐसे ऑपरेशन को सार्वजनिक नहीं किया गया था।
मंगलवार को हुई बैठक में विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से संबंधित संसदीय समिति को यह जानकारी दी। सर्जिकल ऑपरेशन और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के बारे में जानकारी दी। विदेश सचिव ने ये तो माना कि ऐसे ऑपरेशन पहले भी सेना करती रही है लेकिन इस बार इसका पैमाना ज्यादा बड़ा था। ये भी पहली बार हुआ कि सफल ऑपरेशन के बाद सरकार ने इसका सार्वजनिक ऐलान भी किया।
दरअसल एस जयशंकर की ये टिप्पणी काफी अहम है क्योंकि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले हफ्ते कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया था। कांग्रेस और विपक्ष के सदस्य ये जानना चाहते थे कि ऐसे ऑपरेशन पहले भी हुए हैं या नहीं? बता दें कि इस महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस की ओर से सत्यव्रत चतुर्वेदी और कर्ण सिंह ने सवाल पूछे, जबकि एनसीपी सांसद डीपी त्रिपाठी और सीपीएम सांसद मो. सलीम ने भी विदेश सचिव से कुछ जानकारी मांगी।
समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने ब्रिक्स समिट के बाद जारी गोवा घोषणा पत्र पर सवाल उठाते हुए पूछा कि घोषणापत्र में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के नाम शामिल क्यों नहीं करवाए। इस पर विदेश सचिव ने कहा कि इस मोर्चे पर भारत को क़ामयाबी मिली है और कोशिशें अभी जारी हैं। सबसे अधिक हैरत वाली बात तो यह रही कि स्थायी समिति की इस बैठक में राहुल गांधी भी शामिल हुए लेकिन उन्होंने कोई सवाल नहीं पूछा।