भारत की पहली महिला रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कल यह कहकर महिलाओं का वर्चस्व और बड़ा दिया है कि मैं महिलाओं को सेना में लड़ाकू भूमिका दिए जाने के मामले पर खुले दिमाग से सोचूंगी। यह पूछे जाने पर कि क्या वे सेना में महिलाओं को लड़ाकू भूमिका दिए जाने के मामले पर विचार करेंगी? उन्होंने कहा कि निश्चित ही यह ऐसा मामला है, जिसे मै खुले दिमाग से देखूंगी।
इसकी शुरुआत पहले सेना पुलिस में महिलाओं की भर्ती से
सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने भी जून में कहा था कि सेना इस बारे में विचार कर रही है। जनरल रावत ने कहा था कि सेना में महिलाओं को कॉमबैट रोल में भी लिया जाएगा और इसकी शुरुआत पहले सेना पुलिस में महिलाओं की भर्ती से होगी। पिछले साल एयर फोर्स ने 3 महिला फाइटर पायलटों को शामिल किया है। फिलहाल कुछ देशों में महिलाओं को सेना कॉमबैट रोल में इस्तेमाल करती है।इसमें जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, नॉर्वे, स्वीडन और इस्राइल शामिल हैं।
दुनिया को अच्छा संदेश जाएगा, अब हम खुद को साबित करें
सीतारमण ने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि अरुण जेटली ने बतौर प्रभारी रक्षा मंत्री अपने कार्यकाल के दौरान कई मुद्दों पर निर्णय लिए होंगे। मैं सेना में महिलाओं की लड़ाकू भूमिका से संबंधित फाइल देखना चाहती हूं। जब मैं राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य थी, तब ऐसे ही महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर भी चर्चा होती थी। यह पूछे जाने पर कि क्या रक्षामंत्री के तौर पर उनकी नियुक्ति मील का पत्थर है? उन्होंने कहा कि हां, जरूर , मुझे लगता है कि पीएम मोदी हमेशा महिलाओं का समर्थन करते हैं, लेकिन आज उन्होंने बहुत बड़ा संदेश दिया है, जिसकी सभी भारतीय महिलाएं प्रतीक्षा कर रही थी। अब यह हम पर है कि हम अपना काम करें और खुद को साबित करें। उन्होंने कहा कि मैं बहुत खुश हूं और मुझे इस निर्णय का असर पता है। यह एक बहुत बड़ी भूमिका है। मेरे पास शब्द नहीं हैं कि मैं कैसे पीएम का शुक्रिया अदा करूं। सीतारमण ने कहा कि इस निर्णय से दुनिया को अच्छा संदेश जाएगा।