आज हमारी लाइफ में वाईफाई की अहमियत ही अलग हो गई है। जहां भी ओपन वाईफाई मिल जाए वहां हम सिर झुका के खड़े होकर लग जाते हैं जबरदस्त डाउनलोडिंग करने में। वाई-फाई इंडिया में पिछले कुछ सालों से ही अस्तित्व में आया है लेकिन इसका कॉन्सेप्ट कई सालो पहले ही खोजा जा चुका था। आज हम आपको उसी साइंटिस्ट की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने वाई-फाई का कॉन्सेप्ट बनाया था और उस पर खूब काम भी किया था।
जिस वैज्ञानिक की बात हम कर रहे हैं उसका नाम निकोल टेस्ला है। इस वैज्ञानिक को लोग ‘पागल वैज्ञानिक’ भी कहा करते थे क्योंकि इनपर कुछ अलग करने की सनक सवार होती थी। शायद इसी कारण इन्होंने दुनिया को कुछ ऐसी चीज़ें दे दी जो उस समय संभव भी नहीं थी। टेस्ला के अविष्कार आइंस्टाइन और एडीसन के अविष्कार से कम नहीं थे लेकिन इन्हें उनके बराबर ख्याति नहीं मिली।
टेस्ला हमेशा चुपचाप रहते थे और अपने काम में लगे रहते थे उनकी यही लगन उन्हें एक महान वैज्ञानिक बना पाई। उनके बचपन के बारे में कहा जाता है कि स्कूल के दिनो में वे अपने मन में ही सवाल कर लिया करते थे। उन्हें कॉपी पर उतारने की जरूरत नहीं होती थी। उनकी इस शक्ति को देखकर टीचर्स भी हैरान थे।
टेस्ला 10 जुलाई 1856 को क्रोशिया देश में जन्मे थे। अपने माता-पिता की पांच संतानों में एक थे। साल 1875 में उन्होंने पॉलीटेक्नीक कॉलेज में प्रवेश लिया था। यहां पर उन्होने 9 परीक्षाओं में पहला स्थान ग्रहण किया था। साल 1881 मं उन्हें एक टेलीफोन कंपनी में नौकरी मिल गई। यहां पर उन्होंने संचार उपकरणों में अनेक सुधार किए और टेलीफोन एंप्लीफायर को नए रूप से बनाया।
साल 1882 में उन्हें थॉमस एडीसन की कंपनी में नौकरी मिली जहां उन्होंने बिजली उपकरणों में कई सुधार किए। साल 1884 में उन्होंने एडीसन की अमेरिका स्थित कंपनी में नौकरी की। यहां पर उन्होंने एडीसन के साथ काम किया। टेस्ला का थॉमस एडिसन के कई अविष्कारों में महत्वपूर्ण योगदान था लेकिन कुछ कारणों के चलते टेस्ला ने ये कंपनी छोड़ दी।
एडीसन की कंपनी छोड़ने के बाद टेस्ला ने खुद की कंपनी खड़ी की जिसमें एक बिजनेसमैन ने उनकी सहायता की। अपनीं कंपनी में काम करते हुए उन्होंने एसी बिजली प्रणाली को दुनिया के सामने रखा तो पूरी दुनिया चौंक गई। एसी प्रणाली से अब दूर-दूर तक तारों की सहायता से बिजली पहुंचाई जाती है।
इनके अलावा टेस्ला ने बिजली से चलने वाली मोटर, जल विधुत पावर स्टेशन, रेडियो और टेस्ला रॉड जैसे अविष्कार किए। उन्होंने 1890 में वायरलेस तरीके से बिजली को एक जगह से दूसरी जगह भेजने के सिद्धांत पर काम किया था। उनका ये सिद्धांत बिजली में तो लागू नहीं हो पाया लेकिन रेडियो तरंगों में इसने खूब सहायता की और आज हमे वाइ-फाइ जैसी चीज मिल पाई।
निकोल के बारे में कई बातें बड़ी फेमस है।
निकोल आठ भाषाओं के जानकार थे।
उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया था। उनका मानना था कि ये उनके वैज्ञानिक जीवन का रोड़ा है।
टेस्ला स्वस्थ रहने के लिए 10 से 15 किलोमीटर रोज दौड़ा करते थे।
टेस्ला सिर्फ दो घंटे की नींद को पर्याप्त मानते थे।
टेस्ला आत्माओं और भगवान की दुनिया में विश्वास करने वाले साइंटिस्ट थे।
उन्हें 3 नंबर से काफी लगाव था।