उत्तर कोरिया ने दुनिया की माथे की लकीरें बढ़ा दी है। आज करीब 100 किलोटन के हाईड्रोजन बम का सफल परीक्षण किए जाने का उत्तर कोरिया का दावा अगर सही है, तो इस परीक्षण के ही कारण उत्तरी हमक्योंग प्रांत के कि जी इलाके में करीब 5.7 और 4.6 तीव्रता के भूकंप महसूस किए गए हैं। यह झटके दोप. करीब 12:29 बजे महसूस किए गए हैं। उत्तर कोरिया की सेंट्रल न्यूज एजेंसी योनहॉप ने भी इस खबर की पुष्टि की है। एजेंसी ने यहां तक कहा है कि उत्तर कोरिया की तरफ से आज दोपहर 3 बजे बड़ी घोषणा की जाएगी। सियोल के मुताबिक ताजा परीक्षण पिछले वर्ष जनवरी में किए गए परमाणु परीक्षण से करीब 11.8 गुणा अधिक शक्तिशाली है। इसके साथ ही दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाने की भी अपील की है।
नागासाकी पर गिराए गए बम से 4-5 गुना ज्यादा विनाशकारी
उत्तर कोरिया ने जिस परमाणु बम का परीक्षण किया है, वो जापान के नागासाकी शहर पर 1945 में गिराए गए बम से 4-5 गुना ज्यादा विनाशकारी है। दक्षिण कोरिया की रक्षा मामलों की संसदीय समिति के प्रमुख किम यंग वू के मुताबिक उत्तर कोरिया के परीक्षण से लगभग 100 किलोटन ऊर्जा उत्पन्न हुई है। सितंबर 2016 में किया गए परीक्षण से 10 किलोटन ऊर्जा उत्पन्न हुई थी। उत्तर कोरिया इससे पहले 2006, 2009, 2013 और 2016 में परमाणु बमों का परीक्षण कर चुका है।
किसी भी सूरत से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता – जापान
इसके बाद जापान के पीएम शिंजो आबे ने इस परीक्षण पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इसको किसी भी सूरत से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। आपको बता दें कि आज किया गया परीक्षण किसी भी न्यूक्लियर बम से करीब 9 गुना अधिक शक्तिशाली और घातक है। उत्तर कोरिया की तरफ से किया गया यह 6ठा न्यूक्लियर टेस्ट है। न्यूज एजेंसी KCNA के मुताबिक यह परीक्षण उत्तर कोरिया की अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल हवासोंग-14 के लिए किया गया है।
अमरीकी भू-गर्भ विज्ञान केंद्र ने 6.3 तीव्रता आंकी
रविवार को हुआ धमाका इतना शक्तिशाली था कि इसका कंपन रूस के पूर्वी शहर व्लादिवोस्टक तक महसूस किया गया। वहीं जापान के मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप के कंपन को जापान में भी महसूस किया गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने जापान की मेट्रोलॉजिकल एजेंसी के हवाले से बताया है कि रविवार के परीक्षण से आया भूकंप पिछले परीक्षण के मुताबिक 10 गुना ज्यादा शक्तिशाली था। अमरीकी भू-गर्भ विज्ञान केंद्र ने शुरुआत में भूकंप की तीव्रता 5.6 बताई थी जिसे बाद में बढ़ाकर 6.3 कर दिया गया था।
किम जोंग ने परिक्षण का लिया ज़ायज़ा
इससे पहले उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन न्यूक्लियर वैपंस इंस्टिट्यूट गए और ICBM हवासोंग-14 के वारहैड की जानकारी ली। एजेंसी का कहना है कि हाल के कुछ समय में इंस्टिट्यूट ने काफी बेहतर काम किया है और सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं।
दक्षिण कोरिया ने बुलाई आपात बैठक
इस परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया के वित्त मंत्री किम डोंग यॉन ने बाजार पर पड़ने वाले आकलन पर बात करने के लिए एक आपात बैठक भी बुलाई है।
दक्षिण कोरिया की मिलिट्री ड्रिल का भी मजाक उड़ाया
उत्तर कोरिया की न्यूज एजेंसी की तरफ से उन दावों को भी खारिज किया गया है जिसमें कहा गया था कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया उत्तर कोरिया की तरफ से किए गए किसी भी मिसाइल परीक्षण का पता लगा सकते हैं। एजेंसी की तरफ से इसको झूठ करार देते हुए कहा गया है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया उसकी मिसाइल का पता नहीं लगा सकते हैं। इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने हाल ही में दक्षिण कोरिया की मिलिट्री ड्रिल का भी मजाक उड़ाया है।
दक्षिण कोरिया में हाई अलर्ट
नार्थ कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ ने हाईअलर्ट घोषित किया है। उनका कहना है कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका स्थिति पर करीब से निगाह रखे हुए हैं। उन्होंने तुरंत नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक बुलाने की भी अपील की है।
रूस ने जताई युद्ध छिड़ने की आशंका
गौरतलब है कि रूस ने दो दिन पहले ही इस बात की आशंका जताई थी कि उत्तर कोरिया की वजह से इस इलाके में युद्ध छिड़ सकता है। रूसी राष्ट्र्पति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से इस तरह की आशंका जताई गई थी।
अमेरिका को भी दिखाई दे रहा है बढ़ता खतरा
उत्तर कोरिया के ताजा परीक्षण के बाद दुनिया के लिए फिर खतरे की घंटी बज गई है। अमेरिका इससे पहले इस बात को कह चुका है कि उसके पास उत्तर कोरिया के लिए सभी विकल्प खुले हैं। वहीं आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले ही उत्तर कोरिया ने जापान के ऊपर से एक मिसाइल का परीक्षण किया था। यह मिसाइल करीब 550 किमी की ऊंचाई तक गई थी और इसने 2700 किमी की दूरी तय की थी। इसके बाद यह मिसाइल जापान सागर में जाकर गिरी थी। उस वक्त भी जापान समेत अमेरिका ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। यहां पर यह भी बता देना जरूरी होगा कि उत्तर कोरिया के बीते कुछ परीक्षणों की वजह से अमेरिका को भी खतरा बढ़ता दिखाई दे रहा है। बीते माह उत्तर कोरिया ने अमेरिका के गुआम पर हमले करने की भी बात कही थी, बाद में वह अपनी इस बात से पीछे हट गया था।